झारखंड के किसान ये नस्ल की बकरी का करे पालन, होगा तगड़ा फायदा, जाने क्यों…

By Rishabh Meena

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झारखंड के किसान ये नस्ल की बकरी का करे पालन, होगा तगड़ा फायदा, जाने क्यों…झारखंड की जलवायु को देखते हुए अगर आप बकरी पालन करके अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो कृषि विज्ञान केंद्र, देवघर में पशुपालन विशेषज्ञ पूनम सोरेन की सलाह आपके लिए कारगर साबित हो सकती है. पूनम सोरेन का कहना है कि झारखंड में बकरी पालन के लिए चार बेहतरीन नस्लें हैं जिनका पालन करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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झारखंड में बकरी पालन के लिए बेहतरीन नस्लें

पशुपालन विशेषज्ञ पूनम सोरेन ने बताया कि झारखंड में बकरी पालन के लिए मुख्य रूप से चार नस्लें प्रचलित हैं. पहली है काली बंगाल की बकरी जिसे देसी बकरी के नाम से भी जाना जाता है. इसके बाद बारीबरी, जमुनापारी और सिरोही ये चारों नस्लें हैं जिनका पालन किसान कर सकते हैं. इन चारों नस्लों की बकरियों के मांस की सबसे ज्यादा बिक्री होती है और इनके दूध की डिमांड भी काफी ज्यादा रहती है.

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कम लागत में हो सकता है बकरी पालन

पूनम सोरेन का कहना है कि बकरी पालन कोई बहुत ही मुश्किल काम नहीं है. अगर आप बकरी पालन की सोच रहे हैं तो आपको ज्यादा खर्च वहन करने की जरूरत नहीं है. इन चारों नस्लों की बकरी पालन आप 12 से 15 हजार रुपये में कर सकते हैं. वहीं इन नस्लों की बकरियों के बच्चों की भी अच्छी डिमांड रहती है.

दूध के लिए भी फायदेमंद

बकरी के मांस के साथ-साथ इन चारों नस्लों की बकरियों का दूध भी बाजार में काफी बिकता है. काली बंगाल की बकरी एक दिन में एक से दो लीटर दूध देती है, बारीबरी बकरी 2 से 3 लीटर दूध देती है, जमुनापारी बकरी एक दिन में तीन से चार लीटर दूध देती है. इस तरह से आप साल भर में दूध बेचकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं.

बकरी पालन में रखें इन बातों का ध्यान

पशुपालन विशेषज्ञ पूनम सोरेन का कहना है कि इन बकरियों को पालने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है. इन्हें खाने के लिए हरा चारा, ज्वार का भूसा आदि खिलाया जा सकता है. लेकिन बकरी खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

बकरी खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

  • सबसे पहले बकरी को गर्म पानी पिलाएं.
  • इसके बाद सबसे जरूरी है कि बकरियों का टीकाकरण करवा लें. ताकि पीपीआर वायरस का प्रसार बिल्कुल ना हो और किसान अच्छी तरह से अपना व्यवसाय कर सकें.