केले के टेढ़े होने के पीछे के इतिहास को जानकर लोग हुए हैरान, बोले- ऐसा भी कुछ होता है, केले को कोन नहीं जानता बहुत से लोग केले का प्रयोग सुबह नास्ते मे या बनाना शेक और भी रूप में केले को खाते है. दुनिया में बहुत सी प्रजाति के केले पाए जाते है. लाल पीले केलो की खेती बहुत से इलाको में की जाती है. वहीं यह काफी सस्ता भी होता है तो इसका सेवन लगभग सभी लोग करते हैं. लेकिन, क्या कभी केले को देखकर आपके दिमाग में यह सवाल आया है कि केला आखिर टेढ़ा ही क्यों होता है? कभी सीधा क्यों नहीं होता? तो आइये आपके इस सवाल के जवाब के बारे में आपको कुछ बताते है।
केले क्यों टेड़े होते है इस सवाल के पहले जान लीजिये केले की उत्पत्ति कब और कहां से हुई इसकी सटीक जानकारी किसी को पता नहीं है. हालांकि, ऐसा माना जाता है कि लगभग 4,000 साल पहले मलेशिया के वर्षावनों में केले के पेड़ उगते थे. फिर उसके बाद यह पेड़ पूरी दुनिया में फैल गए. अब यह भारत समेत सारी दुनिया में पाया जाता है कई देशो में इसकी खेती भी की जाती है. आइये अब इस सवाल का जवाब बताते है की क्यों केले टेड़े होते है।
जानिए केले के टेढ़े होने का असली कारन
अब आपको इस सवाल का जवाब बताते है केले के टेढ़े होने के पीछे के बहुत बड़ा साइंटिफिक रीजन है. दरअसल जब केले का फल आना शुरू होता है तो वह एक गुच्छे में आता है. यह एक कली जैसी होती है, जिसमें हर पत्ते के नीचे केले का एक गुच्छा होता है. उस समय केला नीचे की ओर बढ़ना शुरू करता है. तब वह सीधा होता है. लेकिन एक साइंटिफिक कॉन्सेप्ट है. जिसे Negative Geotropism नकारात्मक भू-अनुवर्तन कहते हैं।
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जानिए विशेषज्ञो का क्या है कहना
जिसके बारे में आपने शायद सुना हो. यह थ्योरी बताती है के कुछ पेड़ ऐसे होते हैं जो सूरज की तरफ बढ़ते हैं जैसे सूरजमुखी जिससे केला नीचे की तरफ बढ़ने की बजाए ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है. यही वजह है कि इसका आकार टेढ़ा हो जाता है. विशेषज्ञो का भी यही मानना है. अब आपको आपके सवाल का जवाब मिल गया होंगा। ऐसे ही रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहिये हमारे साथ।