इस पक्षी की अनोखी है प्रेम कहानी, पूरी उम्र एक ही साथी के साथ रहते है, मरने पर पूरा परिवार कर लेता आत्महत्या, आपने इंसानो की तो काफी सारी प्रेम कहानियाँ सुनी होगी , जिसमे लोग एक दूसरे की लये अपनी जान कुर्बान कर देते है। लेकिन अगर कोई पूरी उम्र सिर्फ एक साथी के साथ बीता दे और उसकी मौत पर उसका परिवार भी मौत को गले लगा ले यह तो सिर्फ फिल्मो में देखा होगा। पर आपको जानकर हैरानी होगी की ऐसा एक पक्षी जो असल जिंदगी में ऐसा ही करता है।प्रेम भावना सिर्फ इंसानों में ही नहीं होती, बल्कि जीव-जंतु भी प्यार की भाषा खूब समझते हैं और कुछ तो इसे आखिरी दम तक निभाते भी हैं. आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बता रहे हैं, जिसके अगर नर पक्षी मर जाता है तो मादा और बच्चे भी नहीं जीते.
आमतौर पर आपने इंसानो की लव स्टोरीज मे एक दूसरे के लिए जान देते हुए देखा होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताएंगे जो नर पक्षी की मृत्यु होने पर मादा और बच्चे भी मर जाते हैं. अक्सर फिल्मों, ड्रामों, नॉवेल, कहानियो मे अनोखी लव स्टोरीज देखने को मिलती रहती है. कुछ लव स्टोरीज मे तो लोग अपनी जान तक एक दूसरे के लिए कुर्बान कर देते हैं. अब तक आपने इस तरह की लव स्टोरीज केवल इंसानो की ही देखी होंगी. लेकिन आज हम आपको किसी इंसान की लव स्टोरी के बारे में नहीं बल्कि एक ऐसे जीव की लव स्टोरी के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. आपको बता दें कि प्रेम की भावना केवल इंसानो के बीच ही नहीं होती है बल्कि जीव-जन्तुओं के बीच भी होती है. आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताते हैं, जिसकी लव स्टोरी इतनी अनोखी है कि अगर नर मर जाता है तो मादा और बच्चे भी दम तोड़ देते हैं.
‘जंगल का माली’ की अनोखी लव स्टोरी
अनोखी लव स्टोरी वाला यह पक्षी भारत के कई राज्यों (नागालैंड, केरल, अरुणाचल प्रदेश और हिमालय) के जंगलों में पाया जाता है. इस पक्षी का नाम हॉर्नबिल है और इसे ‘जंगल का माली’ नाम से भी जाना जाता है. एक हॉर्नबिल पक्षी की उम्र 50 वर्ष तक की होती है. हम बात कर रहे हैं हॉर्नबिल के बारे में, जो भारत के नागालैंड, केरल, अरुणाचल प्रदेश और हिमालय के जंगलों में पाया जाता है. इस पक्षी को ‘जंगल का माली’भी कहा जाता है. इस पक्षी की उम्र बहुत लंबी होती है. जानकारी के मुताबिक हॉर्नबिल लगभग 50 वर्ष तक जीता है. दरअसल, हॉर्नबिल एक ऐसा पक्षी है जो फलों को खाते समय पूरा निगल लेते हैं. जब नर हॉर्नबिल परिवार के लिए खाना लाता है तो हर तरह के फलों के बीज हॉर्नबिल के घोंसले के नीचे जमीन पर गिरे मिलते हैं. इसमें ऐसे फलों के बीज भी होते हैं, जो बहुत कम पाए जाते हैं. इसके कारण हॉर्नबिल को’जंगल का माली’ कहा जाता है.
हॉर्नबिल एक ही साथी के साथ गुजारते है जिंदगी
आमतौर पर, हॉर्नबिल पूरी जिंदगी एक ही साथी के साथ जिंदगी गुजारते हैं और सफर भी एक साथ ही तय करते हैं. जब वे घर बसाते है, उस समय भी वे घोंसले की खोज एक साथ मिलकर ही करते हैं. हॉर्नबिल का जोड़ा दूसरे पक्षी के घोंसले को, किसी पेड़ में बनी प्राकृतिक गुफा को, या अपने ही पुराने घोंसले को दोबारा अपना घर बना लेता है. कहा जाता है कि हॉर्नबिल एक ऐसा पक्षी है, जो अपनी पूरा जीवन केवल एक ही साथी के साथ गुजार देते हैं. नर और मादा एक साथ ही जिंदगी का सफर भी तय करते हैं. अपना घर बसाते वक्त भी वे घोंसले की खोज एक साथ ही करते हैं. हॉर्नबिल का जोड़ा दूसरे पक्षी के घोंसले, किसी पेड़ में बने खोह या अपने ही पुराने घोंसले को दोबारा बसा लेता है.
मादा हॉर्नबिल घोंसले में खुद को कर लेती है कैद
मादा हॉर्नबिल घोंसले में खुद को कैद कर लेती है. वो ऐसा अपने बच्चों को सुरक्षित पालने के लिए करती है. वह घोंसले को पूरी तरह बंद कर लेती है, खाने के लिए सिर्फ एक छोटा सा छेद खुला रहता है. यही कारण है कि हॉर्नबिल का जोड़ा बहुत सोच-समझकर अपना घर ढूंढता है. जब तक मादा हॉर्नबिल घोंसले मे कैद रहती है, तब तक नर हॉर्नबिल उसे अपनी चोंच से घोंसले के अन्दर ही खाना देता रहता है.
नर हॉर्नबिल की मौत से पूरा परिवार कर लेता आत्महत्या
जब मादा हॉर्नबिल के अंडों से बच्चे बाहर निकल जाते हैं तो हम इंसानों के परिवार की तरह ही नर हॉर्नबिल पर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी होती है. उसे न सिर्फ अपने लिए, बल्कि मां और बच्चों समेत पूरे परिवार के लिए खाना तलाशना पड़ता है. ऐसे में अगर किसी वजह से नर हॉर्नबिल घोंसले तक नहीं लौट पाता है तो उसका पूरा परिवार घोंसला तोड़कर बाहर नहीं निकलता, बल्कि मादा अपने साथी और बच्चें पिता और खाने के इंतजार में ही दम तोड़ देते हैं.