Sheep Farming Subsidy: भेड़ कराएगी लाखों रुपए की कमाई, मिलेंगी इतने रु की सब्सिडी

By charpesuraj5@gmail.com

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Sheep Farming Subsidy: देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग खेती के साथ-साथ भेड़, बकरे, सूअर जैसे छोटे जुगाली करने वाले पशुओं को भी पालते हैं और उनके दूध और मांस से आमदनी कमाते हैं. इस तरह के पशुपालन को किसानों की आय बढ़ाने का एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है. आज के समय कई राज्यों में भेड़ और बकर पालन किसानों के लिए कमाई का एक शानदार जरिया बनकर उभरा है. पशुपालन में बेहतर रोजगार के मद्देनजर केंद्र सरकार भी राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत किसानों को भेड़-बकरी पालन के लिए प्रोत्साहित करती है, ताकि उनकी आमदनी बढ़ाई जा सके.

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भले ही छोटे जानवरों में ज्यादातर किसान बकरे पालते हैं, लेकिन अब बकरी पालन के शौकीन लोगों के बीच दुंबा भेड़ पालन काफी लोकप्रिय हो रहा है. इससे किसानों को कहीं ज्यादा बेहतर आमदनी हो रही है. इसके अलावा इसमें ज्यादा मेहनत की भी जरूरत नहीं होती और कम लागत में लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं. कमाई का बहुत अच्छा विकल्प मानते हुए कई किसान बकरी पालन की जगह अब दुंबा भेड़ पालन शुरू कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि दुंबा भेड़ पालन क्या है और इसे कैसे शुरू किया जा सकता है.

दुंबा भेड़ पालन क्या है? (What is Dumba Sheep Rearing?)

दुंबा भेड़ दरअसल भेड़ों की एक उन्नत नस्ल है, जो बहुत कम समय और लागत में तेजी से विकसित होती है. ईद के त्योहार के दौरान दुंबा की मांग सबसे ज्यादा होती है, क्योंकि इसकी खूबसूरती का धार्मिक महत्व काफी ज्यादा होता है. इस नस्ल की एक वयस्क नर भेड़ की बाजार कीमत 90 हजार से 1.50 लाख रुपये तक होती है. वहीं, दुंबे के बच्चे ( मेमने) की औसत कीमत 25 से 30 हजार रुपये तक होती है. वहीं, मादा भेड़ की कीमत करीब 70 हजार रुपये के आसपास होती है. ऐसे में अगर आप मोटी पूंछ वाली दुंबा नस्ल की 100 भेड़ें पालना शुरू करते हैं, तो सालाना 20 से 30 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. क्योंकि ईद के मौके पर दुंबा की भी कुर्बानी दी जाती है. इसकी मांग हाल के समय में काफी बढ़ रही है, क्योंकि भारत से इसका निर्यात तुर्की को भी किया जाता है. इसकी बलि का चलन दक्षिण भारत के राज्यों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी बढ़ रहा है. अपने भारी वजन के कारण ईद के मौके पर बकरे की जगह दुंबा की कुर्बानी दी जाती है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली भेड़-बकरी पालन में आजकल दुंबा भेड़ पालन का काफी चलन बढ़ रहा है. इसकी वजह है दुंबा भेड़ों की खासियतें और इनसे होने वाली अच्छी कमाई. तो आइए सबसे पहले जानते हैं दुंबा भेड़ों के बारे में.

दुंबा भेड़ की सब्सिडी (subsidy of Dumba Sheep)

जानकारी के लिए बता दे की छोटे पशुपालक कम से कम 100 भेड़ या बकरी और 5 बकरे होना आवश्यक है. उस पर 10 लाख की सब्सिडी मिलेगी. 200 भेड़ या बकरी और 10 बकरे या 10 मीडे होना चाहिए. जिस पर 20 लाख की सब्सिडी है. 300 बकरी या भेड़ और 15 बकरे या मीडे होने पर 30 लाख की सब्सिडी मिलेगी. 400 भेड़ या बकरी और 20 बकरे होने पर 40 लाख की सब्सिडी है और 500 भेड़ या बकरी और 50 बकरे या मीडे होने पर 50 लाख तक की सब्सिडी पशुपालक को मिल सकेगी. जिसका लाभ लिया जा सकता है.

दुंबा भेड़ की खासियतें (Special Characteristics of Dumba Sheep)

भारी पूंछ (Heavy Tail): दुंबा भेड़ों की पीठ पर गोल आकार की चिकनी चिकनी डिस्क होती है, जिन्हें चक्कल कहा जाता है. ये चक्कल जितनी बड़ी और खूबसूरत होती हैं, दुंबा की कीमत उतनी ही ज्यादा होती है. दरअसल, यही चक्कल दुंबा भेड़ों की खासियत है.
तुर्की मूल (Originates from Turkey): दुंबा भेड़ मूल रूप से तुर्की की प्रजाति मानी जाती है. वहीं, भारत में भी इनका पालन किया जाता है.
गर्म जलवायु सहनशील (Heat Tolerant): दुंबा भेड़ें गर्म और अर्ध-शुष्क जलवायु वाले इलाकों में आसानी से रह सकती हैं.
तेजी से वृद्धि (Fast Growth): दुंबा भेड़ों में तेजी से विकास करने की क्षमता होती है.
अच्छी प्रजनन क्षमता (Good Fertility): दुंबा भेड़ों में प्रजनन क्षमता भी अच्छी होती है.
दूध उत्पादन (Milk Production): दुंबा भेड़ें दूध भी देती हैं. हालांकि, ये एक बार में सिर्फ एक ही मेमने को जन्म देती हैं.
मेमने का वजन (Lamb Weight): दुंबा का बच्चा जिसे मेमना कहते हैं, वह 7 से 1 साल के बीच 9वें महीने में पैदा होता है. खास बात ये है कि मात्र दो महीने में ही मेमने का वजन 25 किलो तक पहुंच जाता है.
दुंबा भेड़ों की कीमत उनकी खूबसूरती (चक्कल का आकार) और वजन के हिसाब से तय होती है.

दुंबा भेड़ पालन कैसे शुरू करें? (How to Start Dumba Sheep Rearing?)

अगर आप भी कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो दुंबा भेड़ पालन आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. दूरदराज के गांवों में रहने वाले पढ़े-लिखे और बेरोजगार युवा इस व्यवसाय को अपनाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. आप अपनी जगह और बजट के हिसाब से भेड़ों की संख्या तय कर सकते हैं. शुरुआत में आप कम से कम एक यूनिट से भी पालन शुरू कर सकते हैं. एक यूनिट में चार मादा और एक नर दुंबा भेड़ शामिल होती है.

बचत करने के लिए आप शुरुआत में वयस्क दुंबे की बजाय उसके बच्चों को खरीद सकते हैं. वयस्क दुंबों, खासकर नर दुंबों की कीमत काफी ज्यादा होती है, जबकि उनके बच्चे कम दाम में मिल जाते हैं. 3 महीने का दुंबा का बच्चा खरीदना ज्यादा फायदेमंद होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि 3 महीने का बच्चा 9-10 महीने में ही वयस्क हो जाता है. डेढ़ साल के अंदर आपको उससे 4 और बच्चे मिल जाएंगे. दुंबा भेड़ पालन के बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए पहले दो सालों में बच्चों को बेचने से बचें. इसके बाद आप उन बच्चों को बेचकर और कमाई कर सकते हैं.

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दुंबा भेड़ों को क्या खिलाएं? (What to Feed Dumba Sheep?)

दुंबा भेड़ें हर तरह के वातावरण में रह सकती हैं. इन्हें दिन में तीन बार खाना खिलाना जरूरी होता है. आप इन्हें चारा, दलहन के दाने और ज्वार, मक्का, बाजरा जैसे हरे चारे खिला सकते हैं.