इस मंदिर में बाबा विश्वनाथ को चढ़ता है चाट, गोलगप्पा और पान, बरसो पुरानी परम्परा , जानिये क्या है इसके पीछे राज, सावन माह शुरू है और भगवान् भोलेनाथ की हर मंदिर धूमधाम से पूजा अर्चना चल रही है। लोग भोलेनाथ को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते जिससे उनकी हर मनोकाना पूरी हो जाये। वैसे तो नाथों के नाथ बाबा विश्वनाथ को यूं तो बेलपत्र, धतूरा और भांग प्रिय है. लेकिन इन चीजों के इतर बाबा विश्वनाथ बनारसी जायके के भी फ़ैन है. शायद यही वजह है कि हर दिन बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Temple) को बनारसी पान, गोलगप्पा और टमाटर चाट के साथ बनारसी ठंडाई का भी भोग लगाया जाता हैं.
इस मंदिर में यह सालों से ये परंपरा निरंतर चलती आ रही है. खास बात ये है कि ये बनारसी जायके बनारस के अलग-अलग दुकानों से आते है और फिर इन सामानों को बाबा विश्वनाथ को भोग लगाया जाता हैं. अलग अलग आरती के समय अलग अलग बनारसी जायके का स्वाद बाबा विश्वनाथ चखते है. इनमें कई दुकानदार तो ऐसे है जो कई पीढ़ियों से बाबा को अपने जायके का स्वाद हर दिन चखाते हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक श्रीकांत मिश्र ने बताया कि बाबा विश्वनाथ यूं तो पूरे संसार के नाथ है, उन्हें भला क्या कोई कुछ देगा लेकिन काशी में भक्त अपने श्रद्धाभाव से भगवान को हर चीज अर्पण करते है, जो अब परम्परा बन गई है.
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150 सालों से परिवार तैयार करता है पान

वाराणसी के ढूंढी राज गणेश गली में भुल्लन पान वाले की पुरानी दुकान है. इस दुकान से हर रोज बाबा के लिए स्पेशल पान तैयार होता हैं. सिंघाड़े स्वरूप में बने इस पान को मंगला आरती और शयन आरती के समय चढ़ाया जाता है. बीते 150 सालों से एक ही परिवार बाबा के लिए पान तैयार करता हैं.
70 साल पुरानी दुकान से आती है ठंडाई

वहीं बात ठंडाई की करें तो बाबा ठंडाई के 70 साल पुरानी दुकान के आज भी हर रोज सप्तऋषि आरती से पहले बाबा को बनारसी ठंडाई चढ़ाई जाती है. बाकायदा आरती करने वाले अर्चक खुद इस ठंडाई को हर रोज ले जाते हैं और बाबा को चढ़ाते है. दुकानदार शंकर शरीन ने बताया कि उनके पिता जी ने दुकान खोलने के साथ इस परंपरा की शुरुआत की थी.
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टमाटर चाट और गोलगप्पे का लगता है भोग

पान और ठंडाई के अलावा बनारस का टमाटर चाट और गोलगप्पा भी बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाता है. ढूंढी राज मंदिर जाने वाली गली में स्थित विश्वनाथ चाट भंडार से हर रोज गर्मी के सीजन में गोलगप्पा और टमाटर चाट बाबा के भोग के लिए ले जाया जाता है. इसके अलावा जाड़े में चूड़ा मटर का स्वाद भी बाबा विश्वनाथ चखतें है.