भारत में आज भी बहुत से किसान पारंपरिक तरीके से ही रबी, खरीफ और नदगी फसलों की खेती करते हैं। लेकिन कुछ किसान वैज्ञानिक विधि से नई फसलों की खेती कर रहे हैं इससे किसानों को पहले के मुकाबले अच्छी उपज मिल रही है। आज हम एक ऐसे ही कंद के बारे में बात करेंगे, यह देखने तो आलू की तरह लगता है, लेकिन खाने में इसका स्वाद मीठा होता है। हम बात कर रहे हैं शकरकंद(Sweet potato) की। भारत में करीब 2 लाख हेक्टेयर में शकरकंद की खेती की जाती है। बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा आदि भारत के मुख्य शकरकंदी उगाने वाले राज्य हैं| शकरकंद उबालकर और भूनकर खाया जाता है। तो आइये जानते है शकरकंद की खेती करने की पूरी विधि को।
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शकरकंद की खेती के लिए उपयुक्त भूमि और जलवायु
शकरकंद की खेती के अच्छी उपज लेने के लिए उचित जल निकासी वाली और कार्बनिक तत्वों से भरपूर दोमट या चिकनी दोमट भूमि सर्वोत्तम मानी जाती है| शकरकंद की फसल का बेहतरीन उत्पादन लेने के लिए मिट्टी का पी. एच. 5.8 से 6.7 के बीच होना चाहिए।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार शकरकंद की खेती के लिए शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु उपयुक्त मानी गई है। इसकी खेती के लिए आदर्श तापमान 21 से 27 डिग्री के बीच होना चाहिए।

बुवाई के लिए खेत की तैयारी
शकरकंदी की खेती के लिए, खेत को अच्छी तरह से तैयार करें| मिट्टी को अच्छी तरह से भुरभुरा बनाने के लिए, बिजाई से पहले खेत की 3-4 बार जोताई करें, फिर सुहागा फेरें |
शकरकंद की बुवाई
शकरकंद की बुवाई अप्रैल से जुलाई के महीने में गर्मी और बारिश के मौसम में कि जाती हैं। इसकी बुवाई के लिए 30 से 35 हजार कटिंग कर हुई बेल या 300 से 320 किलो कंदों की प्रति हेक्टेयर आवश्यकता होती है। बुवाई करते समय क्यारियों के बीच 40 से 45 सेंटीमीटर की दूरी रखे और हर पौधे के बीच 1 फीट की दूरी रखते हुए 20 से 25 सेंटीमीटर की गहराई में ही लगाए।
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खरपतवार नियंत्रण
शकरकंद की फसल में खरपतवार की दिक्कत ज्यादा नहीं होती है। यदि शकरकंद की लताओं का फैलाव पूरे खेत में हो जाता हैं, तो खरपतवार का जमाव नहीं हो पाता है। यदि खेत में कुछ खरपतवार उगते हैं, तो मिट्टी चढ़ाते वक्त उखाड़ फेंकने चाहिऐं।

सिंचाई
शकरकंद पौध लगाने के तुरंत बाद सिचाई करें। अगर आपने शकरकंद की रोपाई गर्मी के मौसम करी है तो सप्ताह एक बार जरूर सिचाई करे। कन्दों के अच्छे विकास और अच्छी पैदावार लेने के लिए खेत में पर्याप्त नमी बनाये रखे।
फसल की कटाई
शकरकंद को तैयार होने में 110 से 130 दिनों का समय लगता है| इसकी पुटाई आमतौर पर फल पकने और फल पीले होने पर की जाती है| इसकी पुटाई फल को उखाड़ कर की जाती है | इसकी औसतन पैदावार 100 क्विंटल प्रति एकड़ होती है |