Honey Bee Farming: मधुमक्खी पालन कर कमा सकते हो तगड़ा मुनाफा, रोजाना सिर्फ 1 घंटे का काम और मोटी कमाई…हमारे देश में ज्यादातर लोग गाय, बकरी, भेड़ और भैंस पालते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से लोग मधुमक्खी पालन की तरफ भी रुख कर रहे हैं और इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. मधुमक्खी पालन के कई फायदे हैं. इससे न सिर्फ शहद का उत्पादन होता है, बल्कि प्राकृतिक चीजों को भी बढ़ावा मिलता है. साथ ही ये पर्यावरण को संतुलित रखने में भी मदद करता है.
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फूलों के परागण में मददगार और आत्मरक्षा को बढ़ावा देता है मधुमक्खी पालन
इसके साथ ही मधुमक्खी फूलों के रस का संग्रह कर पौधों के परागण में मदद करती हैं. जिससे फलों और फूलों का उत्पादन बढ़ता है. इसके अलावा मधुमक्खियों की देखभाल और पालन करने से आत्मरक्षा को भी बढ़ावा मिलता है. जमशेदपुर से लगे पुरुलिया सुसुनिया गांव के किसानों ने भी मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया है. जिससे उन्हें हर साल लाखों रुपये का मुनाफा हो रहा है.
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3 महीने में 5 किलो शहद का उत्पादन
किसान रंजीत साहिश ने लोकल 18 को बताया कि वो पहले गांव में सब्जी की खेती करते थे, फिर उन्हें आदिवासी कल्याण संस्था के बारे में पता चला. यहां पर वो मधुमक्खी पालन की नि:शुल्क ट्रेनिंग देते हैं. करीब 5 किसान परिवारों ने ये ट्रेनिंग ली. आज हम 50 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. वहीं, 1 बॉक्स में 9 फ्रेम होते हैं. ये काफी आसान काम है. यहां लोग पूरी सुरक्षा के साथ काम करते हैं. जालीदार टोपी और दस्ताने पहनते हैं ताकि मधुमक्खी कोई नुकसान न पहुंचा सकें. हर बॉक्स से 3 महीने में करीब 5 किलो शहद का उत्पादन होता है. जिससे ग्रामीणों को अच्छा मुनाफा मिलता है.
रोजाना सिर्फ 1 घंटे का काम
किसानों ने बताया कि इसमें सिर्फ 1 घंटे का ही काम होता है. हर दूसरे दिन मधुमक्खियों के जाल को साफ करना होता है. ये ध्यान रखना होता है कि हर डिब्बे में सिर्फ एक ही रानी मधुमक्खी हो. क्योंकि, दो रानी होने पर वो आपस में लड़ती हैं. इससे मधुमक्खियों को नुकसान पहुंचता है. मधुमक्खी पालन का फायदा किसानों को खेती में भी हुआ है. साथ ही उनके खेतों में आतंक मचाने वाले हाथी का भी अब खतरा खत्म हो गया है. आप भी शुद्ध शहद आदिवासी.org.in वेबसाइट से अपने घर मंगा सकते हैं.