Betul News: बैतूल जिले में स्थित आमला के स्कूल में हो रहा धर्म के साथ खिलवाड़, माथे पर लगा तिलक, हाथों में बंधा कलावा छुड़वाया गया स्कूल में….. घटना मंगलवार की है जब स्कूल प्रबंधन ने छात्र-छात्राओं के माथे पर लगे सिंदूरी तिलक और हाथों के बंधे कलावा को हटवा दिया। हिन्दू संगठनों ने जताया विरोध, पुलिस-बीआरसीसी अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला हुआ शांत। बैतूल जिले के आमला में स्थित सेंट थॉमस स्कूल कोई न कोई विवादों में रहा है। जिससे बवाल मच गया। जैसे ही बच्चों के माथे से तिलक मिटवाने और हाथों से कलावा उतरवाए जाने की खबर बच्चों के अभिभावकों व हिंदू संगठनों को लगी तो बड़ी संख्या में लोग स्कूल पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। जिसके बाद प्रिंसिपल के माफी मांगने पर मामला शांत हुआ।
बैतूल जिले में स्थित आमला के स्कूल में हो रहा धर्म के साथ खिलवाड़, माथे पर लगा तिलक, हाथों में बंधा कलावा छुड़वाया गया स्कूल में…..
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मिटवाया तिलक, उतरवाए कलावा (Got Tilak removed, got Kalava removed)

स्कूल प्रबंधन ने एतराज जताते हुए उन्हें हटवा दिये और मस्तक पर तिलक लगाकर, हाथो में रक्षासूत्र बांधकर आने के लिए मनाही की। जैसे ही इसकी सूचना अभिभावकों और हिन्दू संगठनों को लगी, सभी लोग स्कूल पहुंच गये और जमकर नारेबाजी कर विरोध किया। सूचना मिलते ही बीआरसीसी अधिकारी और पुलिस भी मौके पर पहुंची और विवाद को शांत कराया। हालांकि बीआरसीसी और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्कूल प्राचार्य जीनू प्रकाश थॉमस ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए भविष्य में इस तरह की पुर्नवृत्ति नहीं होने का लिखित पत्र दिया। जिसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि संस्था में अध्ययनरत छात्रों के हाथों एवं मस्तक पर टीका लगाकर आने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इसके बाद बड़ी मुश्किल से मामले को शांत किया गया।
बैतूल जिले में स्थित आमला के स्कूल में हो रहा धर्म के साथ खिलवाड़, माथे पर लगा तिलक, हाथों में बंधा कलावा छुड़वाया गया स्कूल में…..
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स्कूल को जनपद शिक्षा केंद्र ने नोटिस जारी किया (District Education Center issued notice to the school)

जनपद शिक्षा केंद्र ने स्कूल को नोटिस जारी कर दिया है जिसमें स्पष्टीकरण मांगा गया है। नोटिस में पूछा गया है कि स्कूल ने मान्यता प्राप्त करते समय इस प्रकार का सरकुलेशन कार्यालय को उपलब्ध कराया गया था या नहीं और आरटीई के तहत शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2005 परिपालन सुचारू रूप से नहीं किया जा रहा यह दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। जनपद शिक्षा केंद्र स्कूल से 2 दिनों के भीतर जवाब मांगा है जवाब नहीं दिए जाने की दशा में कार्यवाही की चेतावनी दी है। इसके बाद भी ऐसा करने पर कारवाही हो सकती है।