Guru Purnima: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है. यह पर्व आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने गुरु के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, गुरु पूर्णिमा को वेद व्यास जी की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. वेद व्यास जी को हिंदू धर्म में महागुरु का स्थान प्राप्त है. कुछ कथाओं के अनुसार, वेद व्यास जी का जन्म भी आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन हुआ था. इसलिए, गुरु पूर्णिमा के दिन इनकी विशेष रूप से पूजा की जाती है.
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गुरु पूर्णिमा सिर्फ वेद व्यास जी की जयंती ही नहीं, बल्कि सभी गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व भी है. गुरु का जीवन में बहुत बड़ा स्थान होता है. एक गुरु ही है जो हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है.
इस दिन लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उन्हें उपहार भी देते हैं. उपहार कुछ भी हो सकता है, लेकिन वह ऐसी चीज होनी चाहिए जो गुरु के काम आ सके. अगर आपका कोई गुरु नहीं है, तो आप अपने माता-पिता को ही अपना गुरु मानकर उनकी पूजा कर सकते हैं और उन्हें उपहार दे सकते हैं.
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु वंदना करने और गुरुओं के चरणों में समर्पण करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त होती है. साथ ही, गुरु की कृपा से ज्ञान की प्राप्ति होती है. गौरतलब है कि इस साल 2024 में गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी.