Goat Farming: ये नस्ल की बकरी का पालन कर चंद समय में बन जाओगे धन्ना सेठ, जाने पूरी डिटेल्स

By Alok Gaykwad

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Goat Farming: ये नस्ल की बकरी का पालन कर चंद समय में बन जाओगे धन्ना सेठ, जाने पूरी डिटेल्स, आज भी देश के ग्रामीण इलाकों में बकरी पालन बहुत लोकप्रिय है. वहां के लोग ज्यादातर अपनी आजीविका के लिए खेती या पशुपालन पर निर्भर रहते हैं. इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में यह रोजगार तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. बकरियों का उपयोग कई तरह से किया जाता है. कुछ लोग इनका दूध लेते हैं तो कुछ लोग मांस के लिए पालते हैं. आपको बता दें कि बकरी के दूध और मांस की मांग बाजार में काफी ज्यादा है. खाने के शौकीन लोग बड़े चाव से बकरी का मांस खाना पसंद करते हैं. वहीं बकरी के दूध का इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है.

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अगर आप भी बकरी पालन करके मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप बकरी पालन क्यों करना चाहते हैं. फिर उसी के हिसाब से बकरियों की नस्ल का चुनाव करें. आज हम आपको एक ऐसी बकरी की नस्ल के बारे में बताएंगे जिसका वजन 42 किलो तक होता है और दूध और मांस दोनों के लिए इसकी मांग रहती है.

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लाभदायक संगमनेरी बकरी पालन

भारत में, संगमनेरी बकरी को महाराष्ट्र के पुणे, नासिक, सोलापुर और धुले जिलों के क्षेत्रों में पाला जाता है. लेकिन ये बकरियां पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में भी पाई जाती हैं. संगमनेरी नस्ल की बकरी पालन से लोगों को अच्छा मुनाफा होता है क्योंकि यह नस्ल दूध और मांस के उच्च उत्पादन के लिए जानी जाती है.

संगमनेरी नस्ल की पहचान

संगमनेरी नस्ल की बकरी मध्यम आकार की होती है.
संगमनेरी नस्ल की बकरी का रंग सफेद होता है.
संगमनेरी नस्ल की बकरियों में भूरे, काले और अन्य रंगों के धब्बे होते हैं.
इस नस्ल की बकरियों के बाल छोटे, सीधे और घने होते हैं.
संगमनेरी बकरी के कान मध्यम आकार के और लटके हुए होते हैं.
संगमनेरी बकरियों (नर और मादा दोनों) के सींग पीछे की ओर मुड़े होते हैं.
संगमनेरी बकरियों की पूंछ छोटी और पतली होती है, जो ऊपर की तरफ उठी रहती है.
इन बकरियों के थन छोटे और गोल शंकु के आकार के होते हैं.
संगमनेरी बकरियां 13 से 14 महीने की उम्र में बच्चे देना शुरू कर देती हैं.
संगमनेरी बकरियों को मांस और दूध के लिए पाला जाता है.
संगमनेरी नर बकरे का वजन 35 से 60 किलो और मादा बकरी का वजन 25 से 40 किलो होता है.
संगमनेरी नस्ल की बकरियां 40% मामलों में जुड़वा बच्चों को जन्म देती हैं.
इस नस्ल की बकरियों का दुग्धकाल 150 से 160 दिन का होता है.

संगमनेरी बकरियों की कीमत

संगमनेरी बकरियों की कीमत नस्ल, उम्र, वजन और क्षेत्र जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है. बाजारों में इस नस्ल की बकरियों की मांग अधिक है. संगमनेरी नर बकरों की कीमत 300 रुपये से 350 रुपये प्रति किलो (जिंदा बकरे) और संगमनेरी मादा बकरी की कीमत 275 रुपये से 300 रुपये प्रति किलो होती है.