घर पर मुफ़्त में ‘काला सोना’ ऐसे करे तैयार , बिना बदबू के बनाये कंपोस्ट , फायदे भी मिलेंगे दोगुने, जिन लोगो को घरो में गार्डनिंग का शौक़ होता है वो लोग गमले में या क्यारियों में पेड़ पौधे लगाते है। जिसके लिए कम्पोस्ट (Compost) खाद का उपयोग किया जाता है जिससे को पेड़ पौधों की ग्रोथ अच्छी हो। यह कम्पोस्ट खाद बाजार में काफी महंगी बिकने लगती है क्योकि इसका अब ज्यादा होने लगा है। लेकिन शायद बहुत से लोग नहीं जानते की यह कम्पोस्ट खाद बनाने की क्या प्रक्रिया होती है और इसे आप आसानी से घर पर भी बना सकते है। हर किसी के घर में किचन से बहुत सारा हरा कचरा (Green Waste) बाहर निकलता है. अधिकतर लोग इसे डस्टबिन में फेंक देते हैं जो आपके घर से होता हुआ कचरे वाली गाड़ी के जरिए लैंडफिल में चला जाता है. आज के वक्त में हर किसी के घर में कुछ गमले तो होते ही हैं, भले ही वह फूल के हों या सब्जियों के. ऐसे में अगर आप अपने किचन वेस्ट का इस्तेमाल कर के कंपोस्ट बना लें (Compost making by kitchen waste) तो ये आपके घर में लगे गमलों में पौधों के लिए ऑर्गेनिक खाद का काम करेगा.
किचन वेस्ट फेंकने के बजाय उनसे कंपोस्ट बनाने (Compost making by kitchen waste) से एक तो आपके घर से गीला कचरा ना के बराबर बाहर जाएगा। साथ ही आपके पौधों के लिए खाद भी तैयार हो जाएगी। इसे आप अपने घर में लगे गमलों में डाल सकते हैं, जिससे पौधों को न्यूट्रिशन (Benefits of making compost at home) मिलेगा। यानी आप ऑर्गेनिक सब्जियां खा सकेंगे और आपके पैसों की भी खूब बचत (Benefits of making compost at home) होगी। अगर आप अपने किचन वेस्ट का इस्तेमाल कर के कंपोस्ट बना लें (Compost making by kitchen waste) तो ये आपके घर में लगे गमलों में पौधों के लिए ऑर्गेनिक खाद का काम करेगा. इसे भारत के किसान काला सोना भी कहते हैं, जिसमें बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की ग्रोथ में मदद करते हैं. इसे भारत के किसान काला सोना भी कहते हैं, जिसमें बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों की ग्रोथ में मदद करते हैं. आइए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपने किचन के कचरे (Kitchen Waste) को काले सोने (Black Gold) में तब्दील कर सकते हैं.
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किचन वेस्ट से कंपोस्ट बनाये

किचन में जो सब्जियां, सलाद या फल काटे जाते हैं, उससे बहुत सारा ऐसा हिस्सा होता है, जिसे खाया नहीं जाता. आलू-प्याज के छिलके, धनिए का निचला हिस्सा, फलों और सलाद के छिलके जैसी चीजों को अधिकतर लोग कूड़े में फेंक देते हैं. आप इस किचन वेस्ट से कंपोस्टिंग के जरिए शानदार खाद बना सकते हैं. इससे खाद बनाने के दो तरीके हैं.
इस तरीके से मुफ्त में बनाये कंपोस्ट

किचन वेस्ट से कंपोस्ट बनाने के लिए अगर आप किसी तरह का बिन या कोई पाउडर लेने में पैसे खर्च नहीं करना चाहते हैं तो आप यह काम मुफ्त में भी कर सकते हैं। हालांकि, पाउडर और बिन के इस्तेमाल से आप जल्दी कंपोस्ट बना सकते हैं। अगर आप पैसे खर्च नहीं करना चाहते हैं तो सीधे मिट्टी या कोकोपीट के साथ कई लेयर बनाकर अपने कचरे को किसी ऐसे डिब्बे में रखें, जिसमें हवा आती जाती रहे। इसके लिए आप मिट्टी के बर्तनों जैसे घड़े या बड़े गमले का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने कंपोस्ट और मिट्टी के मिक्स्चर को समय-समय पर हिलाते रहें, ताकि उसमें हवा का बहाव बना रहे।

अगर आप कोई कंपोस्ट बिन और बोकाशी पाउडर नहीं खरीदना चाहते हैं तो बस कोकोपीट और कचरे की मदद से भी कंपोस्ट बना सकते हैं. इसमें आपको पिकलिंग भी नहीं करनी होगी. आपको सीधे कोकोपीट के साथ किचन वेस्ट को मिलाना होगा. कोकोपीट की जगह भुरभुरी मिट्टी या रेतीली मिट्टी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन कोकोपीट में खाद को लकड़ी या खुरपी से चलाना आसान हो जाता है. इसमें आप ढेर सारे सूखे पत्ते, कागज और गत्ता आदि भी डाल सकते हैं. हालांकि, पिकलिंग वाली प्रोसेस में आपकी खाद करीब 35-40 दिन में बनकर तैयार हो जाती है, वहीं इस तरीके में आपके किचन वेस्ट को खाद में बदलने में 80-100 दिन तक का समय लग जाता है.
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कंपोस्ट बनाते वक्त ध्यान रखें ये बातें

कंपोस्ट बनाने के दौरान कभी-कभी आपको उसमें कुछ कीड़े दिख सकते हैं. इनसे डरें नहीं, यह कीड़े कंपोस्टिंग में मदद ही करते हैं.
कंपोस्ट बनाने वाले डिब्बे को खुला ना छोड़ें, किसी जाली या मच्छरदानी जैसी चीज से ढक कर रखें. ऐसा नहीं करेंगे तो उसमें मक्खियां जाएंगी और अंडे दे देंगी, जिससे आपके कंपोस्ट में बहुत सारे कीड़े पैदा हो सकते हैं.
अगर उसमें से बदबू आए तो इसका मतलब है कि आपने बोकाशी पाउडर कम डाला है, तो अगली बार से वह पाउडर थोड़ा अधिक डाल दें.
पिकलिंग के बाद की प्रोसेस में अगर बदबू आए तो उसमें सूखी चीजें जैसे कोकोपीट, मिट्टी, सूखी पत्तियां या कागज-गत्ते की कमी हो रही है. इनकी मात्रा बढ़ा दें और बदबू धीरे-धीरे चली जाएगी.
कंपोस्ट बनाने में थोड़ा वक्त लगता है, तो सब्र रखें. धीरे-धीरे किचन वेस्ट कंपोस्ट में तब्दील हो जाएगा.
कंपोस्ट में मिर्च, नींबू, दूध, दही, ब्रेड या कोई पका हुआ खाना ना डालें, क्योंकि इनसे कपोस्टिंग की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और कई बार कंपोस्ट से बदबू भी आने लगती है.