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गेहूं की ये उन्नत किस्में लगाकर किसान हो सकते हैं मालामाल, नहीं लगेंगी बीमरियाँ और उत्पादन होगा जबर्दस्त

गेहूँ की अच्छी फसल का उत्पादन करने के लिए गेहूँ की अच्छी किस्म बोना बहुत जरुरी है। जिस तरह से साल दर साल तापमान बढ़ रहा है, इससे गेहूँ के उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे में वैज्ञानिक ऐसी किस्मों को विकसित करने में लगे हैं, जिनसे बढ़िया उत्पादन भी मिल जाए और बढ़ते तापमान का भी असर न हो। तो आइये जानते हैं गेंहू की कुछ उन्नत किस्मों के बारे में।

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गेहूं की DBW-370 किस्म

DBW-370 भारत में विकसित गेहूं की एक किस्म है। DBW-370 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित किया गया था और गेहूं अनुसंधान निदेशालय (DWR), करनाल, हरियाणा, भारत द्वारा जारी किया गया था। इसकी उत्पादन क्षमता 86.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और औसत उपज 74.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। पौधों की ऊँचाई 99 सेमी और पकने की अवधि 151 दिन और 1000 दानों का भार 41 ग्राम होता है। इस किस्म में प्रोटीन कंटेंट 12 प्रतिशत, जिंक 37.8 पीपीएम और लौह तत्व 37.9 पीपीएम होता है।

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गेहूं की DBW-327 किस्म

गेहूं की डीबीडब्ल्यू- 327 किस्म पर मौसम का प्रभाव नहीं पड़ेगा जिससे फसल खराब होने की संभावना बहुत कम होगी। गेहूं की इस किस्म से प्रति एकड़ 35 क्विंटल और प्रति हैक्टेयर 80 क्विंटल तक पैदावार मिलती है। गेहूं की यह किस्म खास तौर पर हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लिए उपयुक्त बताई जा रही है क्योंकि यहां की भूमि इस किस्म के अनुकूल है।

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गेहूं की DBW-371 किस्म

DBW -371 गेहूं की यह किस्म सिंचित क्षेत्रों में अगेती बुआई के लिए सही है। इसकी उत्पादन क्षमता 87.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और औसत उपज 75.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। पौधों की ऊँचाई 100 सेमी और पकने की अवधि 150 दिन और 1000 दानों का भार 46 ग्राम होता है। इस किस्म में प्रोटीन कंटेंट 12.2 प्रतिशत, जिंक 39.9 पीपीएम और लौह तत्व 44.9 पीपीएम होता है। इस किस्म को कोटा और उदयपुर को छोड़कर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और अन्य जिलों में उगाया जा सकता है। गेहूं की यह किस्म 150 दिन में पक जाती है।

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गेहूं की DBW-372 किस्म

यह किस्म किसानों के लिए बेहद लाभकारी है। इसकी उत्पादन क्षमता 84.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और औसत उपज 75.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। पौधों की ऊँचाई 96 सेमी और पकने की अवधि 151 दिन और 1000 दानों का भार 42 ग्राम होता है। इस किस्म में प्रोटीन कंटेंट 12.2 प्रतिशत, जिंक 40.8 पीपीएम और लौह तत्व 37.7 पीपीएम होता है।

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