गांव कस्बे के कर्मठ किसान पन्नालाल महतो ने सरल जुगाड़ से किये खेती के काम आसान, देखे अद्बुद्ध अविष्कार, भारीतय लोग जुगाड़ के मामले में आज के समय में किसी से पीछे नहीं है और ना पहले थे आये दिन ऐसे ऐसे अविष्कार लाकर सामने खड़े कर देते है जिसे देखने के बाद लोगो की आँखे फटी रह जाती है, इसी घड़ी में गांव के एक किसान ने खेती का एक ऐसा जुगाड़ बना कर सामने खड़ा कर दिया है जिसे देख हर कोई दंग हो गया है, आईये जाने इस जुगाड़ के बारे में जाने विस्तार से।
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पन्नालाल महतो ने अनोखे जुगाड़ से किया गांव का नाम रोशन
भाइयो हम आपकी जानकारी के लिए आपको बता दे की पन्नालाल महतो एक बहुत ही सरल स्वभाव के और साधारण से व्यक्ति है जो की अपने खेतो में काम कर अपना जीवन व्यापन करते है और उन्होंने अपनी खेती के कामो को आसान बनाने के लिए साइकिल की मदद से एक जुगाड़ तैयार किया है और उससे अपने खेती के कामो को आसान से कर ना की अपना समय बचाते है बल्की दूसरे किसानो को सलाह भी देते है की इस प्रकार से खेती का यंत्र बनाओ और अपने खेतो के कामो को आसान बनाओ।
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बात की जाए इस देसी जुगाड़ की तो ये देसी जुगाड़ से बनी यह साइकिल धनबाद के झरिया उपर डुंगरी गांव से चर्चा का विषय बनी थी। इसे तैयार किया था मैट्रिक पास किसान पन्नालाल महतो ने और उनका यह अजूबा देख सब गांव वाले हैरान रह गए थे की ये अजूबा कैसा है क्या बहार गांव के लोग भी इसे आ आकर देख देख कर जाने लगे और इस तरह का जुगाड़ करने की कोशिश करने लगे।
गांव कस्बे के कर्मठ किसान पन्नालाल महतो ने सरल जुगाड़ से किये खेती के काम आसान
हम आपको बता दे की किसान पन्नालाल महतो ने गांव के किसान भाइयो को दी सौगात वही इस जुगाड़ की बात करे तो इस जुगाड़ में किसान पन्नालाल महतो ने तमाम समस्याओं का एक मात्र ‘हल’ बन सामने आई यह साइकिल इसमें दो हॉर्स पॉवर के मोटरपंप को लगाया गया है यानी साइकिल से खेत जोइए और ट्यूबवेल या कुएं से पानी निकालकर सिंचाई भी कीजिए
पन्नालाल महतो ने मात्र इतने खर्च में किया जुगाड़ तैयार
किसान भाइयो हम आपकी जानकारी के लिए आपको बता दे की पन्नालाल महतो को जुगाड़ बनाने में काफी कम खर्च आया है पर कुछ जुगाड़ ऐसे भी होते है जिसमे लागत ज्यादा लगती है और बाद में कम खर्चा आता है मतलब कुल मिला कर कम खर्चे में काम चलाने वाली वस्तु को बनाने को जुगाड़ कहा जाता है वही इस जुगाड़ को इसको बनाने में पन्नालाल को महज 10000 रुपए का खर्चा आया था इसमें साइकिल के पिछले पहिये को हटाकर उसमें तीन फाड़(खेत जोतने लोहे का फर्सा) लगाया गया है।