Kheti Kisani: गांव कस्बे का किसान परंपरागत खेती कर कमा रहा लाखों रूपए, जाने पूरी जानकारी

By Alok Gaykwad

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Kheti Kisani: गांव कस्बे का किसान परंपरागत खेती कर कमा रहा लाखों रूपए, जाने पूरी जानकारी। आज के समय में ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक खेती को अपनाने में भरोसा करने लगे हैं. लेकिन बांका जिले के किसान आज भी पारंपरिक खेती से ही अच्छी कमाई कर रहे हैं. ये किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी और मछली पालन भी करते हैं. जिससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है.

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शाम्भुगंज प्रखंड के पतवारा गांव के रहने वाले कृष्ण देव सिंह इसका जीता जागता उदाहरण हैं. कृष्ण देव सिंह 70 बीघा जमीन पर धान, गेहूं, चना, मूंग, मसूर जैसी दलहनें और आम की पारंपरिक खेती के साथ-साथ 2 एकड़ में मछली पालन करके सालाना 25 लाख रुपये से भी ज्यादा की कमाई कर रहे हैं.

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कैसे की जाती है खेती के साथ मछली पालन?

किसान कृष्णदेव सिंह बताते हैं कि 70 बीघा खेत में धान की बुवाई करने से पहले हम अपने खेतों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण के लिए मूंग जैसी दलहनों की बुवाई करते हैं, जो खेती में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करता है, जिससे पैदावार बढ़ती है. साथ ही समय-समय पर बर्मी कम्पोस्ट का छिड़काव किया जाता है, जिससे मिट्टी में उपज के साथ नमी भी लंबे समय तक बनी रहती है, जिसके कारण सामान्य किसानों की तुलना में अधिक पैदावार होती है. साथ ही एक एकड़ में आम, मालदा, सिंदूरिया, मालभोग, जरदालू, अमरापाली जैसे फलों के पेड़ भी लगाए गए हैं.

कैसे शुरू की मछली पालन?

कृष्णदेव सिंह बताते हैं कि पिछले पांच सालों से वह 2 एकड़ में दो तालाब बनाकर मछली पालन कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें गांव के पप्पू सिंह से मछली पालन का आइडिया मिला. शुरुआत में उन्होंने छोटे से तालाब से मछली पालन शुरू किया और अच्छा मुनाफा कमाया. इसके बाद मुनाफा होने पर उन्होंने दो एकड़ में दो तालाब बनवाकर बड़े पैमाने पर मछली पालन शुरू कर दिया.

कौन सी मछलियों का पालन करते हैं?

किसान बताते हैं कि खेती और बागवानी के साथ-साथ दो तालाबों में पल रही मछलियों की देखभाल करना काफी मुश्किल होता है. लेकिन समय निकालकर सारा काम कर लेते हैं. उनके तालाब में IMC मछली का पालन किया जाता है. IMC में रेंगू, कटला, रूपचंद, मिरगन जैसी ब्रेड का पालन किया जाता है. अनाज के अलावा बकरी के टुकड़ों, चोकर और सरसों के तेल से मछलियों को आहार दिया जाता है. 1 किलो मछली तैयार करने का खर्च केवल 60-80 रुपये ही आता है जबकि IMC किस्म की मछली 180 से 250 रुपये प्रति किलो बाजार में बिकती है. IMC मछली 13 से 15 महीने में तैयार हो जाती है. जिसे स्थानीय बाजार में बेच दिया जाता है. बागवानी और मछली पालन से सालाना 25 लाख रुपये से भी ज्यादा की कमाई कर लेते हैं.