गन्ने की ये टॉप 5 किस्में किसानो को देगी बंपर पैदावार और फसल भी नहीं होगी खराब, देखें पूरी लिस्ट

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गन्ने की ये टॉप 5 किस्में किसानो को देगी बंपर पैदावार और फसल भी नहीं होगी खराब, देखें पूरी लिस्ट

गन्ना को खेती नकदी फसल के रूप में की जाती है। गन्ने से गुड़ व चीनी तैयार की जाती है। चीनी का उत्पादन गन्ने पर ही निर्भर करता है। गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए उन्नत कृषि क्रियाओं के साथ ही अच्छे प्रभेदों की आवश्यकता होती है। इसलिए किसान गन्ने के बेहतर उत्पादन के लिए गन्ने की बेहतर किस्मों का चुनाव करें ताकि उनसे उत्पादित उत्तम क्वालिटी का गन्ना उत्पादित कर, उन्हें बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकें। इसलिए, गन्ने की बेहतरीन किस्मों का चयन करके अच्छी उपज का आधार रख सकते हैं। तो आइये आज हम आपको बताते है गन्ने की कुछ उन्नत किस्मो के बारे में।

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गन्ने की “सीओ 13235” किस्म

वैज्ञानिकों का मानना है कि को.से 13235 किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। क्योंकि बाकी गन्नों की तुलना में यह शीघ्र पकने वाला गन्ना है।13235 गन्ना प्रजाति एक बेहतरीन रोग रोधक और बंपर पैदावार देने वाली किस्म है। ये किस्म एमएस 6847 और को 1148 की ब्रीडिंग करा कर विकसित की गई। इस किस्म से किसानों की औसत उपज 81 से 92 टन प्रति हेक्टेयर होती है। साथ ही इसकी व्यवसायिक शर्करा उपज भी 11.55 पाई गई है जो बहुत अच्छा माना जाता है। जो किसान अपने गन्ना की फसल में रोग से परेशान हैं, वो इस किस्म से खेती करके देख सकते हैं। इसकी फसल 10 माह में पक कर तैयार हो जाती है।

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गन्ने की “सीओ 05011” किस्म

सीओ 05011 किस्म 2012 में जारी की गई थी। इसे आईसीएआर-गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय केंद्र, करनाल और भारतीय गन्ना प्रजनन अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। गन्ने की यह किस्म मध्यम लंबी, मध्यम मोटी, बैंगनी रंग के साथ हरे रंग की और आकार में बेलनाकार होती है। यह किस्म लाल सड़न और उकठा प्रतिरोधी है। इस किस्म की औसत उपज 34 टन प्रति एकड़ है।

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गन्ने की “सीओ 0238” किस्म

सीओ 0238 किस्म गन्ने की खेती के लिए काफी अच्छी किस्म मानी गयी है। इसकी उपज क्षमता 32.5 टन प्रति एकड़ है और इसकी रिकवरी दर 12 प्रतिशत से अधिक है। इस किस्म की खासियत है कि पानी की कमी और जल भराव दोनों स्थितियों में बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है। बेहतर पैदावार और अधिक रिकवरी के कारण इस किस्म की खेती सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में की जा रही है।

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गन्ने की “सीओ 10239” किस्म

यह मध्यम देर से पकने वाला गन्ना है। जल भराव की स्थिति में इसकी पैदावार 63 से 79 टन प्रति हेक्टेयर होती है। ऊसर या बंजर जमीन पर इसकी पैदावार 61 से 70 टन पाई गई है। यही नहीं, खास बात यह है कि इन तीनों ही किस्मों में कीट और रोगों के प्रकोप शून्य है।

गन्ने की “सीओ 14201” किस्म

किसानों के गन्ना उत्पादन को आदिक करने के लिए सीओ 14201 को भारतीय गन्ना अनुसंधान लखनऊ द्वारा विकसित किया है। इस किस्म को विकसित करने की जरूरत तब पड़ गई जब गन्ना किसान लाल सड़न रोग से ज्यादा प्रभावित होने लगे। गन्ना किसान अपने फसल में लगे इन रोगों की वजह से लागत बढ़ने से परेशान थे। वृहद स्तर पर लाल सड़न रोग को नियंत्रित करने के लिए इस किस्म को विकसित किया गया। गन्ना के इस किस्म में सबसे अच्छी उपज क्षमता है। इस गन्ना से चीनी का उत्पादन भी ज्यादा हो पाता है।