Thursday, March 30, 2023

Flood In Pakistan: हिमालय के ग्लेशियर की वजह पाकिस्तान में जलप्रलय, भारत पर भी है बड़ा खतरा

Flood In Pakistan: हिमालय के ग्लेशियर की वजह पाकिस्तान में जलप्रलय,भारत पर भी है बड़ा खतरा

ग्लोबल वार्मिंग को लेकर वैज्ञानिक वक्त-वक्त पर गंभीर चेतावनियां देते रहते हैं, लेकिन अभी तक इससे निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका। पिछले कुछ वक्त से पाकिस्तान बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। अब इसको लेकर भारतीय वैज्ञानिकों की टीम ने कुछ हैरान कर देने वाली बातें सामने लाई हैं। साथ ही ये भी बताया कि कैसे हिमालय की बर्फ ने पाकिस्तान में हालात को बदतर बना दिया।

स्टेशन ही हुआ तबाह

दरअसल हर साल जैसे ही मौसम गर्म होता है, भारतीय वैज्ञानिकों की टीम हिमाचल प्रदेश में छोटा शिगरी ग्लेशियर का अध्ययन करने के लिए जाती है। इस साल वहां पर ग्लेशियर के पिघलने की गति को देखने के लिए एक स्टेशन स्थापित किया गया था, लेकिन अब उसका नामोनिशान भी नहीं बचा है।

मार्च-अप्रैल की गर्मी थी घातक

मामले में आईआईटी इंदौर के ग्लेशियोलॉजिस्ट मोहम्मद फारूक आजम ने बताया कि उनकी टीम ने जून में एक स्टेशन स्थापित किया था, लेकिन अगस्त में उसके अवशेष भी नहीं मिले। गर्मियों की शुरुआत में रिपोर्ट आई थी कि मार्च और अप्रैल के तापमान ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, उसके परिणाणस्वरूप ग्लेशियर पिघल रहे हैं। उनकी टीम पिछले हफ्ते ग्लेशियर पर ही थी और उन्होंने खुद रिकॉर्ड तोड़ ग्लेशियर को पिघलते देखा।

3 करोड़ लोग प्रभावित

पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान भी भीषण बाढ़ की चपेट में है। वहां पर जून से अब तक 3 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए, जबकि 1000 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। वहां, पिघलते ग्लेशियर ने अरब सागर के गर्म होने और ला नीना के मौसम-विकृति प्रभावों से प्रेरित गंभीर मानसूनी वर्षा को जोड़ा है, जिसे पाकिस्तानी अधिकारी ‘जलवायु तबाही’ कह रहे हैं। देखा जाए तो ये जलप्रलय अभी शुरुआत है।

उपजाऊ मिट्टी हो रही तबाह

वैज्ञानिक के मुताबिक जब अत्यधिक बाढ़ आती है, तो वो उस देश को सूखे की ओर ले जाती है। सिंधु नदी की वजह से पाकिस्तान में 90 प्रतिशत भोजन का उत्पादन होता है। जब इसमें बाढ़ आती है, तो ये उपजाऊ मिट्टी को अपने साथ ले जाती है और फिर उसे समुद्र में मिला देती है। विश्व बैंक के एक अध्ययन का अनुमान है कि 2050 तक दक्षिण एशिया में 1.5 अरब से 1.7 अरब लोग घटती जल आपूर्ति की चपेट में आ सकते हैं।

भारत के लिए ये चिंता

हिमालय, काराकोरम और हिंदू कुश पर्वत श्रृंखलाओं में लगभग 55,000 ग्लेशियर हैं जो नदी प्रणालियों को चलाते हैं। सिर्फ इस पर ही 1.3 बिलियन से ज्यादा लोग निर्भर हैं। 55,000 ग्लेशियर में से 7000 तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हैं, वहां पर बर्फ पिघलने से हजारों ऊंची-ऊंची झीलें बन गई हैं, जिनके अतिप्रवाह की संभावना है। वैसे अभी तो सिर्फ पाकिस्तान में ही तबाही मची है, लेकिन अगर वक्त रहते हम नहीं सुधरे तो भारत में भी ऐसे हालात हो सकते हैं।

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