FD या PPF: कहां लगाएं पैसा? जानिए सभी फायदे और नुकसान, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) दोनों ही कम जोखिम वाले निवेश विकल्प हैं, लेकिन इनमें कई अंतर हैं. आइए, इन दोनों के बीच के मुख्य अंतरों को सरल भाषा में समझते हैं.
कौन कर सकता है निवेश?
- FD: भारतीय नागरिकों के अलावा, एनआरआई, कंपनियां, फर्म और ट्रस्ट भी एफडी में निवेश कर सकते हैं.
- PPF: केवल भारतीय नागरिक ही पीपीएफ खाता खोल सकते हैं.
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निवेश का प्रकार
- FD: एक निश्चित अवधि के लिए एकमुश्त राशि जमा करने पर मिलने वाला ब्याज. अवधि कुछ दिनों से लेकर 10 साल तक हो सकती है.
- PPF: सरकार द्वारा समर्थित दीर्घकालिक निवेश योजना. इसमें 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, जिसे बाद में 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. हर साल अधिकतम ₹1.5 लाख जमा किया जा सकता है.
ब्याज दरें
- FD: ब्याज दरें हर बैंक या वित्तीय संस्थान में अलग-अलग होती हैं. ये जमा राशि और अवधि पर निर्भर करती हैं. आमतौर पर वार्षिक ब्याज दर 3.5% से 9.0% के बीच होती है.
- PPF: ब्याज दरें भारत सरकार तय करती है और हर तिमाही में घोषित करती है. वित्त वर्ष 2024-2025 की पहली तिमाही के लिए ब्याज दर 7.1% प्रति वर्ष है.
लिक्विडिटी
- FD: एफडी कम लिक्विड है. परिपक्वता से पहले निकालने पर जुर्माना लग सकता है.
- PPF: पीपीएफ में आंशिक निकासी 5 साल पूरे होने के बाद ही मिलती है. वहीं, 15 साल पूरे होने पर पूरी राशि निकाली जा सकती है.
कर लाभ
- FD या PPF: दोनों ही आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत कर लाभ देते हैं. एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर लगने वाला कर आपकी आयकर श्रेणी पर निर्भर करता है. वरिष्ठ नागरिकों को ₹50,000 तक के ब्याज पर कर छूट मिल सकती है.
- PPF: पीपीएफ में जमा की गई राशि, मिला ब्याज और परिपक्वता राशि, तीनों पर कर नहीं लगता.
जोखिम
- FD या PPF: दोनों ही कम जोखिम वाले निवेश हैं. एफडी बैंक द्वारा दिया जाता है और जमा राशि पर ₹5 लाख तक का बीमा होता है. पीपीएफ भारत सरकार समर्थित है, इसलिए भी सुरक्षित है.
ब्याज की गणना
- FD: साधारण या चक्रवृद्धि ब्याज दोनों में से कोई भी हो सकता है.
- PPF: सालाना चक्रवृद्धि ब्याज लागू होता है.
आपके लिए कौन सा बेहतर है?
निवेश का लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर चुनाव करें. दोनों ही कम जोखिम वाले विकल्प हैं.
- PPF: भविष्य के लिए निवेश और कर बचत के लिए उपयुक्त. सरकार समर्थित होने के कारण सुरक्षित. ब्याज पर कर नहीं लगता. लेकिन, 15 साल का लॉक-इन पीरियड और सीमित निकासी विकल्प हैं.
- FD: अवधि चुनने की सुविधा. पीपीएफ के मुकाबले कम लॉक-इन पीरियड (5 साल). लेकिन, थोड़ा अधिक जोखिम और ब्याज पर कर लगता है.