बैंगलोर-मैसूर एक्सप्रेसवे जब से खुली है तब से लेकर लगातार चर्चा में बनी हुई है। अब बैंगलोर पुलिस इस एक्सप्रेसवे पर स्पीडिंग उल्लंघन करने वालों से निपटने के लिए एक नया तरीके का इस्तेमाल करने वाली है। पुलिस सीधे फास्टैग से चालान काटने की योजना बना रही है।
इस छह लेन वाले एक्सप्रेसवे पर 100 किमी से अधिक की गति पर चलाना मना है और पुलिस ऐसे लोगों को चालान काटती है। हालांकि, बहुत से लोग ऑनलाइन चालान नहीं भरते है और ऐसे में पुलिस अपराधी के फास्टैग अकाउंट से सीधे पैसे काट सकती है।
FASTag Challan Deduction
इस तरीके से पेनाल्टी कलेक्शन स्ट्रीमलाइन हो जाएगा और यह अच्छी ड्राइविंग बिहेवियर को प्रमोट करेगा। इस एक्सप्रेसवे में बढ़ रहे हादसों से निपटने के लिए बैंगलोर पुलिस ने यह प्लान प्रपोज किया है। वर्तमान में आपको ऑनलाइन तरीके से चालान भरना पड़ता है।
वर्तमान में फास्टैग से दिया जाने वाला फाइन नेशनल हाईवे एथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को जाता है। हालांकि, पुलिस इस फाइन को सरकार के तिजोरी में डाइवर्ट करने की तैयारी कर रही है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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अभी एनएचएआई को इस प्रक्रिया के बारें में पूछा गया है। अगर यह मुमकिन हो पाता है तो, फिर प्रोजेक्ट को जल्द ही लागू किया जा सकता है, इस तरीके से बैंगलोर-मैसूर एक्सप्रेसवे में स्पीड का उल्लंघन करने वालों पर काबू पाया जा सकता है।
यह पुलिस के लिए काम आसान कर सकता है लेकिन स्पीड लिमिट को तोड़ने के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। फास्टैग वर्तमान में अनिवार्य हो चुका है, जहां सभी नई कारें फास्टैग के साथ आती है। पुरानी कारें पर अधिकतर लोगों ने लगवा लिया है।
इस तरीके से पुलिस द्वारा मैन्युअल चालान काटने का काम खत्म हो जाएगा, और यह ट्रैफिक की भीड़ तथा सड़क पर सुरक्षा को बेहतर करने का काम करेगा। वहीं इस वजह से ड्राइवर्स एक्सप्रेसवे में सावधानी व स्पीड लिमिट में चलाएंगे।
फास्टैग की मदद से बहुत सारा मेहनत कम हो जाएगा और इसका उपयोग टोल कलेक्शन तक नहीं रह जाएगा। फास्टैग की उपयोगिता और भी बढ़ जायेगी। हालांकि, फास्टैग से चालान काटना आम यूजर्स के सुरक्षा पर खतरा है, क्योकि वाहन मालिक की जानकारी देनी होगी।