EV कंपनियों का बड़ा ऐलान, अपनी सब्सिडी में से अधिक कटौती हाईन के कारण EV कंपनियाँ अपनायेंगी नयीं तरकीबें

By Jitendra kumar

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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफे के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का मार्केट बड़ा हो रहा है. खासतौर पर टू-व्हीलर सेगमेंट में EV की डिमांड बढ़ी है, लेकिन जब से सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर कंपनियों को मिलने वाली फेम-2 योजना सब्सिडी में कटौती की है, सेल्स फिगर नीचे आने का खतरा बना हुआ है. जाहिर है, इससे कंपनियों की मुश्किल बढ़ गई है. क्योंकि यदि वो कीमत बढ़ाती हैं, तो ग्राहकों के बिदकने का खतरा बना रहेगा और यदि कीमतों को यथावत रखती हैं, तो उनकी कमाई और घाटे के बीच का अंतर बढ़ता जाएगा. इसीलिए EV बनाने वालीं कंपनियां बीच का रास्ता निकालने में जुट गई हैं.

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छोटी हो सकती है बैटरी


केंद्र सरकार ने इसी साल जून में फेम-2 योजना (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) वाली सब्सिडी कम करने की घोषणा की थी. इसके तहत सब्सिडी 15,000 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति घंटा से घटाकर 10,000 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति घंटा कर दी गई है. EV टू-व्हीलर पहले से ही काफी महंगे हैं, इसलिए कंपनियां दाम बढ़ाने का जोखिम मोल नहीं लेना चाहतीं. इसके बजाए वे लागत कम करने के तरीके तलाश रही हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां बैटरी को छोटा करने पर विचार कर रही हैं. एक इलेक्ट्रिक Two-Wheeler की लागत में तकरीबन 40 से 50% हिस्सा बैटरी का होता है. ऐसे में बैटरी का साइज घटाने से कंपनियों की लागत भी कम होगी.

इतनी घट सकती है लागत


एक अनुमान के मुताबिक, बैटरी के आकार में कमी से लागत में कम से कम 20 से 25 प्रतिशत कमी हो सकती है. गौरतलब है कि प्रति किलोवॉट के प्रोत्साहन में 5,000 रुपए तक की कमी करने के अलावा सरकार ने वाहन के एक्स-फैक्टरी दामों की 40 प्रतिशत की अधिकतम सब्सिडी सीमा भी घटा दी है. ज़्यादातर कंपनियां बैटरी को घटाकर ढाई से दो किलोवॉट प्रति घंटा के दायरे में लाना चाहती हैं. Ola Electric S1 में 2.98kWh से लेकर 3.97kWh का बैटरी पैक है, जो 121km से 181km तक की रेंज देता है. जाहिर सी बात है कि जब बैटरी का साइज कम किया जाएगा, तो उसकी रेंज भी प्रभावित होगी. लेकिन कीमत बढ़ाना कंपनियों के लिए इससे ज्यादा बड़ा रिस्क है.

EV Charging in Canada scaled 1

फिलहाल Ola का है दबदबा


EV के टू-व्हीलर मार्केट में इस समय Ola का दबदबा है. हालांकि, दूसरी कंपनियां भी EV लेकर आ रही हैं, जिससे आने वाले समय में इस सेगमेंट में प्रतियोगिता कड़ी हो जाएगी. वहीं, 4-व्हीलर बाजार में भी EV की डिमांड बढ़ रही है. इस सेगमेंट में फिलहाल टाटा मोटर्स का कब्जा है. टाटा की Nexon EV को काफी ज्यादा पसंद किया जा रहा है. अन्य देशी कंपनियों के साथ-साथ विदेशी कंपनियां भी भारत में EV लॉन्च करने पर ज्यादा फोकस कर रही हैं. चीन की BYD की भारत को लेकर बड़ी योजना है. वहीं, Elon Musk भी अपनी Tesla को भारत लाना चाहते हैं.

Jitendra kumar

दुनिया में हो रही हलचल को सत्यता और सटीकता से आप तक पहुंचाना, जनता की आवाज को बुलंद बनाना ही पत्रकार का धर्म है. एक सच्चे पत्रकार को अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए। चूँकि धर्म की जो रक्षा करता है. धर्म उसकी रक्षा करता है. (मैं 2 वर्षो से डिजिटल मीडिया में कार्यरत हूँ। मुझे ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी और किसान समाचार में विशेष रूचि है)