Chanakya Niti: सुखी परिवार का राज आचार्य चाणक्य के अनुसार गृहस्थ के लिए अनमोल गुण

By charpesuraj4@gmail.com

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Chanakya Niti: हर परिवार में यही ख्वाहिश होती है कि घर में हमेशा सुख-शांति और एकता बनी रहे. इसके लिए आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कुछ ऐसे गुण बताए हैं, जिन्हें अपनाकर गृहस्थ को अपने परिवार में सौहार्द का वातावरण बनाए रखना चाहिए. आइए जानते हैं चाणक्य नीति के अनुसार गृहस्थ में कौन से गुण होने चाहिए.

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फैसले ऐसे लें, जो सबके हित में हों

किसी भी परिवार में गृहस्थ की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है, क्योंकि वही यह सुनिश्चित करता है कि घर में एकता बनी रहे या नहीं. मौर्य साम्राज्य के समकालीन आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति काफी प्रचलित है. आज भी लोग चाणक्य नीति का पालन करते हैं. ऐसी स्थिति में आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में गृहस्थ के कुछ ऐसे गुण बताए हैं, जिन्हें ध्यान में रखने से परिवार में एकता और प्यार बना रहता है.

चाणक्य नीति के अनुसार, गृहस्थ में निर्णय लेने का सामर्थ्य होना चाहिए. फैसले लेते समय परिवार के हर सदस्य की भलाई का ध्यान रखना चाहिए. ऐसा कोई भी फैसला न लें, जिससे परिवार के किसी सदस्य को नुकसान हो, नहीं तो इससे परिवार टूटने की नوبत आ सकती है.

सुनें दोनों पक्षों को, फिर लें फैसला

घर में अगर किसी बात को लेकर झगड़ा हो जाए, तो ऐसे में दोनों पक्षों की बात सुनकर ही फैसला लेना चाहिए, तभी घर में एकता बनी रह सकती है. अगर आप सिर्फ एक पक्ष की बात सुनकर फैसला लेते हैं, तो इससे परिवार में कलह की संभावना बन जाती है.

भेदभाव न करें, संतुलन बनाए रखें

परिवार का मुखिया कभी भी सदस्यों के बीच भेदभाव नहीं करे. ऐसा करने से उनके बीच दरार पैदा हो सकती है. साथ ही, गृहस्थ में परिवार की जरूरतों के हिसाब से खर्चों को नियंत्रित करने का हुनर होना चाहिए और फिजूलखर्ची को रोकना भी सीखना चाहिए. इसके साथ ही परिवार में अनुशासन बनाए रखना भी बहुत जरूरी है.

इन गुणों को अपनाकर गृहस्थ अपने परिवार में सुख-शांति का माहौल बना सकता है और सदस्यों के बीच प्रेम और एकता कायम रख सकता है.