Chanakya Niti: चाणक्य ने तपस्या को बताया सफलता का मूल मंत्र, जानिए

By charpesuraj5@gmail.com

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Chanakya Niti: आपने चाणक्य के बारे में तो जरूर सुना होगा. उनकी नीतियों में जीवन की सफलता के कई रहस्य छिपे हुए हैं. आज हम आपको चाणक्य नीति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें हम जानेंगे कि किस एक चीज के बल पर सफल व्यक्ति समाज में सम्मान प्राप्त करता है.

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भारत भूमि के विख्यात आचार्य चाणक्य आज भी ज्ञान के प्रतीक माने जाते हैं. भले ही वे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी नीतियों की चर्चा आज भी होती है. उन्हें कौटिल्य नाम से भी जाना जाता है. उन्हें एक कुशल राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और विद्वान गुरु के रूप में देखा जाता था. उन्होंने नीतिशास्त्र पर जो ग्रंथ लिखा, उसे हम सभी चाणक्य नीति के नाम से जानते हैं. इस नीति के माध्यम से चाणक्य ने लोगों का मार्गदर्शन किया है और उनके कल्याण की बात की है.

आचार्य चाणक्य की ये नीति सफलता की कुंजी से कम नहीं मानी जाती है. लोग आज भी उनकी नीतियों के जरिए अपने जीवन में सफलता का मार्ग तय करते हैं. उन्होंने जीवन के हर पहलू पर ज्ञान साझा किया. उन्होंने साधारण से चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया और मौर्य साम्राज्य की स्थापना में अहम भूमिका निभाई. आइए जानते हैं चाणक्य की एक नीति के बारे में, जिसमें उन्होंने अपनी नीति के माध्यम से सभी कार्यों की सफलता के पीछे एक महत्वपूर्ण बात बताई है.

तपस्या से मिलती है सफलता

चाणक्य अपनी नीति में कहते हैं-

“यद्दूरं यद्दुरा राध्यं यच्च दoore व्यवस्थितम्।
तत्सर्वं तपसा साध्यं तपो हि दुरातिक्रमम्।।”

अर्थात् जो चीज आप से बहुत दूर है, जिसकी पूजा पाठ करना कठिन है और जो बहुत ऊंचाई पर स्थित है. ये सब तपस्या के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है, क्योंकि तपस्या में बहुत शक्ति होती है और तपस्वी के लिए कोई भी कार्य कठिन नहीं होता है.

तपस्या का फल मिलता है मनुष्य को

चाणक्य इस नीति के माध्यम से ये कहना चाहते हैं कि कठिन कार्य तपस्या करने से सरल हो जाते हैं. तपस्या से सब कुछ हासिल किया जा सकता है, लेकिन तपस्या है क्या? माला जपना, एक पैर पर खड़ा होना या एक हाथ ऊपर उठाकर रखना, ये सब तपस्या की श्रेणी में नहीं आते हैं. तपस्या का असली अर्थ है कठिन परिस्थितियों का दृढ़ता से सामना करना, भूख-प्यास, सुख-दुख, हानि-लाभ, जीवन-मृत्यु में एक समान रहना और कष्ट के समय अपने धर्म का त्याग न करना. ये सब ही जीवन की तपस्याएं हैं और ये ही इंसान को किसी चीज का सच्चा हकदार बनाती हैं.

इसलिए भी जरूरी है तपस्या करना

कुछ भी पाने के लिए या सफलता प्राप्त करने के लिए तपस्या करनी पड़ती है. अगर आपको कुछ आसानी से मिल जाता है, तो आप उसकी कीमत नहीं समझ पाएंगे. दुनिया के सभी महान लोगों ने जीवन में सफलता हासिल की है और अपने लक्ष्य को सिर्फ अपनी तपस्या की शक्ति से ही पाया है. बिना तपस्या के व्यक्ति जीवन में कोई भी मुकाम हासिल नहीं कर सकता है. क्योंकि जीवन में सफलता आसानी से नहीं मिलती है. चाणक्य आगे कहते हैं कि सिर्फ तपस्या के द्वारा ही व्यक्ति जीवन में उच्च स्थान प्राप्त करता है और समाज में सम्मान पाता है. जो लोग बैठे-बिठाए जीवन में सब कुछ पाने की कल्पना करते हैं, उन्हें अंत में अपने कर्मों का फल मृत्यु के बाद भुगतना पड़ता है और पछतावा होता है.