Chanakya Niti: चाणक्य नीति: सफलता की कुंजी है तपस्या (Chanakya Niti: Tapasya – The Key to Success)
भारत भूमि के विख्यात आचार्य चाणक्य आज भी ज्ञान के प्रतीक माने जाते हैं. भले ही वे आज हमारे बीच नहीं हैं, पर उनकी नीतियां आज भी चर्चा का विषय हैं. उन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है. चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और ज्ञानी गुरु थे. हम सभी उनकी प्रसिद्ध नीति ग्रंथ चाणक्य नीति से परिचित हैं. इस ग्रंथ के माध्यम से चाणक्य ने लोगों का मार्गदर्शन किया है और उनके कल्याण की बात की है.
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चाणक्य की नीतियां सफलता की कुंजी से कम नहीं मानी जाती हैं. लोग अपने जीवन में सफलता का रास्ता भी इन्हीं नीतियों के जरिए तय करते हैं. उन्होंने अपने जीवन के हर पहलू पर ज्ञान साझा किया. उन्होंने साधारण से चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया और मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आइए, अब चाणक्य की एक ऐसी नीति पर चर्चा करते हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने अपनी नीति में सभी कार्यों की सफलता के पीछे छिपी एक महत्वपूर्ण बात बताई है.
कठिन से कठिन कार्य तपस्या से सरल (Difficult Tasks Become Easy with Tapasya)
चाणक्य अपनी नीति में कहते हैं कि जो चीज आपसे दूर है, जिसकी पूजा करना कठिन है और जो बहुत ऊंचाई पर स्थित है, वह सब तपस्या द्वारा प्राप्त की जा सकती है. क्योंकि तपस्या में बहुत बड़ी शक्ति होती है और कोई भी कार्य किसी तपस्वी के लिए कठिन नहीं होता.
तपस्या का फल मिलता है (One Reaps the Fruits of Tapasya)
चाणक्य इस नीति के माध्यम से यह कहना चाहते हैं कि कठिन कार्य तपस्या करने से सरल हो जाते हैं. तपस्या के द्वारा हर चीज हासिल की जा सकती है, लेकिन तपस्या है क्या? माला जपना, एक पैर पर खड़ा होना या एक हाथ ऊपर उठाए रखना, ये सब तपस्या की श्रेणी में नहीं आते. तपस्या का असली अर्थ है कठिन परिस्थितियों का साहस के साथ सामना करना, भूख-प्यास, सुख-दुख, हार-जीत, जीवन-मृत्यु में भी समान रहना और विपत्ति आने पर अपना धर्म ना छोड़ना. ये सब ही जीवन की तपस्याएं हैं और यही इंसान को सार्थक बनाती हैं.
तपस्या क्यों जरूरी है? (Why is Tapasya Important?)
कुछ भी हासिल करने के लिए या सफलता पाने के लिए तपस्या जरूरी है. अगर आपको कोई चीज आसानी से मिल जाती है तो आप उसकी कीमत नहीं समझ पाएंगे. दुनिया के सभी महान लोगों ने जीवन में सफलता और अपने लक्ष्य को सिर्फ अपनी तपस्या की शक्ति से ही हासिल किया है. बिना तपस्या के इंसान जीवन में कोई मुकाम हासिल नहीं कर सकता. क्योंकि सफलता जीवन में आसानी से नहीं मिलती. चाणक्य आगे कहते हैं कि सिर्फ तपस्या के द्वारा ही इंसान जीवन में ऊंचा स्थान प्राप्त करता है और समाज में सम्मान पाता है. जो लोग जीवन में बैठे-बिठाए सब कुछ हासिल करने का ख्वाब देखते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है और अंत में पछताना पड़ता है.