Chanakya Niti: नीतियों के धनी, सफलता के मार्गदर्शक आचार्य चाणक्य के अनुसार यह है सफल जीवन के सूत्र, जानिए

By charpesuraj4@gmail.com

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को भारत का सबसे महान शिक्षक, अर्थशास्त्री और सलाहकार माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि उनका जन्म 400 ईसा पूर्व हुआ था. उन्होंने गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त की और मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आपको बता दें कि वे मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के मुख्य सलाहकार थे. चाणक्य न केवल चंद्रगुप्त को राजनीतिक और सैन्य मामलों में प्रशिक्षित करते थे, बल्कि उन्हें शासन और नीति निर्माण में भी मार्गदर्शन देते थे. उन्हें विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है. वे राजनीति, अर्थशास्त्र, विज्ञान और धर्मशास्त्र में पारंगत थे. उनकी शिक्षा और ज्ञान ने उन्हें एक प्रभावशाली शिक्षक और रणनीतिकार बना दिया.

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चाणक्य की सबसे प्रसिद्ध रचना ” अर्थशास्त्र” है. यह ग्रंथ राज्य प्रबंधन, कर व्यवस्था, विदेश नीति, युद्ध कला के बारे में विस्तृत जानकारी देता है. इसके अलावा उन्होंने “नीतिशास्त्र” भी लिखा, जिसमें उन्होंने नैतिकता, आचरण और व्यवहार के सिद्धांतों का वर्णन किया. तो आइए आज के लेख में आपको चाणक्य की कुछ ऐसी बातें बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप भी जीवन में सफल और सच्चे इंसान बन सकते हैं.

चाणक्य नीति के अनुसार सफल जीवन के सूत्र

  • क्रोध पर नियंत्रण रखें: चाणक्य नीति के अनुसार, यदि आप किसी पर बहुत क्रोधित हैं, तो उससे क्रोध करने से अच्छा है कि आप उसे अपने जीवन में महत्व देना बंद कर दें. अगर आप उसके महत्व को कम कर देंगे, तो आपको दुःख नहीं होगा. साथ ही आपकी नाराजगी भी खत्म हो जाएगी. आपको बता दें कि नकारात्मक भावनाओं को लंबे समय तक अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए. इससे मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जीवन में सबकुछ अच्छा चलता है.
  • आलोचना और प्रशंसा को सही नजरिए से देखें: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया है कि अगर कोई आपकी प्रशंसा करता है या आलोचना करता है, तो उसमें अपना ही फायदा देखना चाहिए. क्योंकि प्रशंसा हमें प्रेरणा देती है, वहीं आलोचना सावधान रहने का मौका देती है. इसलिए इन दोनों चीजों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करें. आपको बता दें कि सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की प्रतिक्रियाओं को सही तरीके से अपने जीवन में अपनाकर हम अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को बेहतर बना सकते हैं.
  • खुद को बदलें, परिस्थितियों को नहीं: चाणक्य नीति के अनुसार, जब हम परिस्थितियों को बदलने की कोशिश करते हैं, बजाय खुद में बदलाव लाने के, तो जीवन कठिन हो जाता है. दरअसल, जब बाहरी परिस्थितियों को बदलने की कोशिश करके हमें सफलता नहीं मिलती है, तो हमारे मन में नकारात्मकता और निराशा पैदा हो जाती है. जब हम उन चीजों को बदलने की कोशिश करते हैं जो हमारे नियंत्रण में नहीं होती हैं, तो तनाव और मानसिक अशांति पैदा होती है.
  • समय और भाग्य का साथ पाएं: आचार्य चाणक्य के अनुसार भाग्य एक ऐसी शक्ति है जिसे रोका नहीं जा सकता. यह एक ऐसा चीज है जो घटित हो जाता है. जब समय और भाग्य अनुकूल होते हैं, तो हमारे आसपास की परिस्थितियां भी उसी अनुसार अनुकूल हो जाती हैं. भाग्य के अनुकूल वातावरण में हम निर्णय लेने और काम करने में अधिक सक्षम होते हैं. इस दौरान हमारी बुद्धि भी उसी समय के अनुसार काम करने लगती है.
  • कर्म और धैर्य से खोलें सफलता के द्वार: चाणक्य नीति के अनुसार भाग्य केवल उन्हीं का साथ देता है जो अपने कर्तव्यों