बैतूल

Census 2027: देश की पहली डिजिटल जनगणना की तैयारी तेज, 1 जनवरी से नहीं बदलेंगी जिलों और गांवों की सीमाएं

देश की पहली डिजिटल जनगणना (Digital Census 2027) का बिगुल बज चुका है। बैतूल जिले में भी इसकी तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू हो गई हैं। जिला प्रशासन ने सांख्यिकी विभाग के साथ मिलकर प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इस महाअभियान के चलते आगामी 1 जनवरी 2026 से प्रशासनिक सीमाओं में किसी भी तरह के बदलाव पर पूरी तरह रोक (Freezing) लग जाएगी।

क्या है ‘बाउंड्री फ्रीजिंग’ (Boundary Freezing)?

जनगणना के काम में सटीकता लाने के लिए यह जरूरी है कि क्षेत्र की सीमाएं स्थिर रहें। इसी उद्देश्य से 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक पूरे देश में प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि इस दौरान:

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  • कोई नया जिला, तहसील या गांव नहीं बनाया जा सकेगा।
  • मौजूदा सीमाओं में कोई भी फेरबदल नहीं होगा।
  • बैतूल जिला प्रशासन ने 31 दिसंबर 2025 तक सभी सीमाओं (राजस्व और वन ग्राम, नगरीय निकाय) के सत्यापन का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

पहली बार होगी ‘डिजिटल’ गिनती

इस बार की जनगणना पूरी तरह से हाई-टेक होगी:

  1. मोबाइल ऐप: प्रगणक (Enumerators) घर-घर जाकर रजिस्टर की जगह मोबाइल ऐप में डेटा फीड करेंगे।
  2. GPS मैपिंग: हर ब्लॉक की सीमा GPS तकनीक से तय होगी ताकि कोई घर छूटे नहीं।
  3. स्व-गणना (Self-Enumeration): नागरिकों के लिए एक वेब पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा, जहां आप अपने परिवार की जानकारी खुद भर सकेंगे।

दो चरणों में होगा काम

  • पहला चरण: मकान सूचीकरण (House Listing) – अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच।
  • दूसरा चरण: जनसंख्या गणना – फरवरी 2027 में। (संदर्भ तिथि: 1 मार्च 2027)

जातिगत डेटा भी होगा शामिल

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार की जनगणना में जातिगत डेटा भी इकट्ठा किया जाएगा, जिससे हर वर्ग की सही स्थिति का पता चल सके। बैतूल में इस काम के लिए मास्टर ट्रेनर्स की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

Kunal

विश्लेषक के तौर पर, कुणाल लगभग आठ वर्षों से देश भर की ख़बरों पर पैनी नज़र बनाए हुए हैं। वह हर घटना का गहन अध्ययन करते हैं, ताकि उसके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रभावों को उजागर किया जा सके।

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