Business idea: प्रोफेसर की नौकरी छोड़ शख्स ने बना डाली मकई के छिलकों से कमाल की चीज, अब घर बैठे छाप रहा लाखों

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Business idea: प्रोफेसर की नौकरी छोड़ शख्स ने बना डाली मकई के छिलकों से कमाल की चीज, अब घर बैठे छाप रहा लाखों

Business idea: प्रोफेसर की नौकरी छोड़ शख्स ने बना डाली मकई के छिलकों से कमाल की चीज, अब घर बैठे छाप रहा लाखों। बिहार का नाम आते ही कई चीजें जेहन में आने लगती हैं। गौर करें तो बिहार को अपनी सकारात्मक छवि से ज्यादा नकारात्मक छवि के लिए जाना जाता है। घोटालों और शराब तस्करी के अलावा कई तरह की बुरी खबरों के कारण बिहार का नाम बदनाम होता रहता है। लेकिन बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। कई लोग हैं जो देश-विदेश में बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं।

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आज हम आपको ऐसे ही एक प्रतिभाशाली बिहारी के बारे में बताने जा रहे हैं। इस शख्स ने इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी छोड़ दी और गांव में ही बिजनेस करने का फैसला किया। बिजनेस भी कोई साधारण नहीं है। जिस मकई के छिलकों को गांव वाले कूड़ा समझकर फेंक देते थे, उसी से इस शख्स ने लाखों का टर्नओवर कमा लिया है। दरअसल, यह शख्स इन्हीं छिलकों से प्राकृतिक कप और प्लेट बनाता है।

प्लास्टिक का बेहतरीन विकल्प

आज के समय में आप कहीं बाहर खाने जाते हैं तो ज्यादातर डिस्पोज़ेबल कप और प्लेट मिलते हैं। इन्हें इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है। लेकिन ज्यादातर ये प्लास्टिक के बने होते हैं। भले ही दावा किया जाता है कि ये कागज के बने हैं, लेकिन इनके अंदर एक पतली प्लास्टिक की परत भी दी होती है। ऐसे में ये पर्यावरण के अनुकूल नहीं होते। बिहार के एक बेटे ने इसी समस्या का समाधान निकाला और मकई के छिलकों से कप और प्लेट बनाना शुरू कर दिया।

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छोड़ी अच्छी खासी नौकरी

मुजफ्फरपुर के रहने वाले मोहम्मद नाज औजर मकई के छिलकों से कप, प्लेट, कटोरी बनाते हैं। उनके इस बेहतरीन आइडिया ने लोगों का ध्यान खींचा। शुरुआत में जब नाज ने प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर यह काम शुरू किया था तो कई लोगों ने उनका मजाक उड़ाया था। लेकिन आज इस बिजनेस की बदौलत नाज लाखों कमा रहे हैं। प्लास्टिक डिस्पोज़ेबल की तुलना में मकई के छिलकों से बने ये कप और प्लेट पर्यावरण के अनुकूल हैं। इनकी डिमांड बढ़ने के साथ-साथ नाज की आमदनी भी बढ़ती जा रही है।