Friday, March 31, 2023

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 Business Idea: नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का हमारे इस लेख में, मानव का जीवन प्रकृति तथा पर्यावरण के इर्द-गिर्द घूमता रहता है। ऐसे में प्रत्येक मानव का यह कर्तव्य होता है कि वह अपने पर्यावरण तथा प्रकृति का ख्याल रखें और उसे साफ सुथरा तथा स्वच्छ रखें। किंतु जहां हमारे प्रकृति तथा पर्यावरण के साफ-सफाई में हमारा सब से बड़ा योगदान होना चाहिए वहां उसका विपरीत हो रहा है। हमारी प्रकृति व पर्यावरण को साफ ना रखेंगे उल्टा हम ही इन्हें दूषित पर दूषित किए जाते हैं। 

मानव के द्वारा उत्पादित सबसे ज्यादा कूड़ा

यदि इस पृथ्वी में विद्यमान सभी जीवो की तुलना एक दूसरे से करें कि कौन सबसे ज्यादा प्रदूषण उत्पन्न करता है तो इसमें निसंदेह रूप से मानव सर्वप्रथम होगा। क्योंकि इस संसार में जहां-जहां पर मानव के कदम पड़े हैं वहां पर केवल और केवल प्रदूषण फैला है। इस प्रदूषण से सभी लोग प्रभावित हो रहे हैं न केवल प्रकृति और मनुष्य अपितु इस पृथ्वी में विद्यमान अन्य जंतुओं के भी अस्तित्व में बात आन पड़ी है। प्रदूषण के परिणाम स्वरुप ही बहुत से दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु विलुप्त हो चुके हैं। यदि इतना सब कुछ होने के पश्चात भी हमारे द्वारा फेलाए जाने वाले प्रदूषण में यदि काबू नहीं किया जाता है तो वह दिन भी दूर नहीं जब यह हमारे अस्तित्व पर आन पड़ेगी। 

प्लास्टिक, जितना सस्ता उतना ही घातक

यदि प्लास्टिक की बात करें तो यह बहुत ही ज्यादा प्रयोग किए जाने वाला पदार्थ है। प्लास्टिक अन्य वस्तुओं तथा पदार्थों की तुलना में ना ही जल्दी सड़ता है , ना ही जल्दी गलता है , और ना ही जल्दी टूटता है‌।इसकी इसी खूबी की वजह से इसका प्रयोग बहुत ही अधिक मात्रा में किया जाता है। क्योंकि यह नहीं जल्दी गलता है ना सड़ता है इसी वजह से इसको हमारा इन्वायरमेंट एडजस्ट नहीं कर पा रहा है। 

परिणाम हुआ यह कि पर्यावरण के साथ-साथ पर्यावरण में रहने वाले सभी जीवो के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। बेचारे पशु तो नासमझ होते हैं उन्हें इन चीजों का ज्ञान नहीं होता है और वे जाने अनजाने में प्लास्टिक को खा लेते हैं और उनकी तड़प तड़प कर मृत्यु हो जाती है। 

प्लास्टिक अथवा रबर ट्यूब का रीसायकल

प्लास्टिक और रबर ट्यूब अर्थात जो ट्यूब गाड़ी में प्रयोग किए जाते हैं वह एक बार प्रयोग होने के पश्चात पूरी तरह से बेकार पड़ जाते हैं फिर उनका प्रयोग दोबारा से वाहनों में नहीं किया जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि यह रबड़ तथा प्लास्टिक का कूड़ा बहुत ही अधिक मात्रा में हमारे पर्यावरण में एकत्रित हो रहा है। 

कूड़ा करकट ना केवल एकत्रित होता है अपितु इससे संपूर्ण पर्यावरण दूषित होता है। ऐसे में हमारे पर्यावरण को बचाने हेतु लोगों के द्वारा बहुत से कार्यों को किया जा रहा है। जैसे कि अधिक से अधिक पेड़ लगाना और कूड़ा उत्पादित करने वाले वस्तुओं का प्रयोग कम से कम करना। प्लास्टिक को रिसाइकल भी किया जा रहा है जैसे कि प्लास्टिक के माध्यम से कारपेट या फिर अन्य उपयोग के अथवा सजावटी चीजों का निर्माण किया जा रहा है जिससे कि कूड़े को कम किया जा सके। कूड़े करकट को इस प्रकार से परिवर्तित करके उपयोगी वस्तुओं में रूपांतरित करना प्लास्टिक कुडे का रीसायकल कहलाता है। 

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