Bhopal Me Mudra Mela: भोपाल के एमपी नगर में तीन दिवसीय मुद्रा मेला शुक्रवार से शुरू हो गया है। पहली बार लग रहे मुद्रा मेले में सैकड़ों साल पुराने नोट और सिक्के, तस्वीरें, पुराने कैमरे और पुरानी घड़ियों के कलेक्शन के साथ देश के कई हिस्सों से लोग आए हैं। दो हजार साल पुराने मुगल कालीन सिक्कों से लेकर आजाद भारत में छपे पहले नोट तक सभी यहां देखा जा सकता है। पुद्दुचेरी से अपनी कलेक्शन लेकर यहां आए अश्विन ने बताया कि उनका परिवार तीन पुश्तों से इसी काम से जुड़ा है। लोग हॉबी के तौर पर इन अनोखे सिक्कों और स्टॉम्प कलेक्ट करते हैं। इन सभी चीजों की कीमत समय के साथ बढ़ती रहती है।
मेले में आई रियल एस्टेट प्रोफेशनल फायजा ने कहा कि हॉबी के तौर पर पुराने सिक्के और नोट कलेक्ट किए होंगे, जिनकी वजह से हम इन्हें देख पा रहे हैं। इनके अलावा मेले में डिजाइन इंजीनियर रंजीत झा भी स्टॉम्प खरीदने पहुंचे। इसके लिए इनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हो चुका है।
शाहजहां ने बंद करा दिया था नूर जहां का सिक्का
मुद्रा मेले में अविनाश रामतेके सदियों पुराने मुगल कालीन सिक्के लेकर आए हैं। इनमें से एक है नूर जहां की सोने की मोहर, जो 11 ग्राम की है। इसकी कीमत सवा करोड़ रुपए है। दरअसल, जब जहांगीर शराब के नशे में चूर रहने लगे, तो उनकी रानी नूरजहां ने राज किया। एक समय ऐसा भी आया, जब नूर जहां ने राज्य में चलने वाले सिक्कों पर अपना नाम लिखवाना शुरू कर दिया, जबकि राजा जहांगीर ही थे। इसके बाद जब शाहजहां राजा बने, तो नूरजहां के नाम वाले सिक्कों पर पाबंदी लगा दी गई। साथ ही, नूरजहां सिक्कों को पिघला कर नए सिक्के बनाए गए।
इसके अलावा, भारत में इस्तेमाल होने वाला पहला सिक्का भी मेले में आकर्षण का केंद्र है। ये सिक्का 600 ईसा पूर्व का है, जो गांधार जनपद में इस्तेमाल किया गया था।
एंटीक घड़ियाें का 50 किलो का कलेक्शन
एंटीक चीजों के कलेक्शन का शौक रखने वाले किशन सोनी राजस्थान के बीकानेर से आए हैं। किशन बताते हैं कि उनके पास चाभी वाली हाथ घड़ियां हैं, जो बिना बैटरी के चलती हैं। हमने जब उनसे पूछा कि ऐसी कितनी घड़ियों का कलेक्शन है। उन्होंने कहा कि गिनती में नहीं है। तकरीबन 50 किलो है। इसके अलावा, किशन के पास जवाहर लाल नेहरू की ऐसी तस्वीर है, जिस पर उनका सिग्नेचर है। किशन समय को लेकर आश्वस्त नहीं है, लेकिन बताते हैं कि आजादी के पहले की है।
इस मेले में भोपाल के ही अरशद अयूब भी थे। उनके पास 55 साल पुराना बाइस्कोप कैमरा था। अयूब के पास 1955 की टॉय कार थी, जिसकी कीमत 1500 रुपए है। अयूब के पास दशकों पुरानी घड़ियां, वाइन बॉटल, सैकड़ों साल पुरानी तस्वीरें, ग्रामोफोन, पुराने रेडियो समेत कमाल का एंटीक कलेक्शन है। पेशे से इंटीरयर डिजाइनर अरशद बताते हैं कि भोपाल के ही पटवा मार्केट में उनकी दुकान है।
200 से ज्यादा देशों के सिक्कों और नोट
बेल्जियम, नेपाल या अल्बानिया समेत 250 से भी ज्यादा देशों के नोट और सिक्कों का कलेक्शन इस मुद्रा मेले में लगा है। यहां न केवल आप इन्हें देखने जा सकते हैं, बल्कि इन्हें खरीद भी सकते हैं। यहां भारतीय करेंसी के अनोखे नोट और सिक्कों का कलेक्शन भी हैं। आरबीआई द्वारा छापे गए डिफेक्टेड नोट देखने के लिए भी यहां आ सकते हैं।
एक रुपए के नोट की कीमत है एक लाख
आलम ये है कि यूनीक नंबर वाले आजादी के बाद छपे एक रुपए के नोट के एक बंडल की कीमत 25 लाख है। इस बंडल में 25 नोट हैं। इसके अलावा पुराने पांच रुपए के सिक्के 25 हजार में लोग खरीद रहे हैं।