भिन्डी की खेती से प्रति हेक्टेयर होगी 115-125 क्विंटल पैदावार चमकेगी किसानो की किस्मत। भिंडी की फसल सारा साल उगाई जाती है और यह मैलवैसी आई प्रजाति से संबंधित है। इसका मूल स्थान इथीओपिया है। यह विशेष तौर पर उष्ण और उपउष्ण क्षेत्रों में उगाई जाती है। भिंडी की खेती विशेष तौर पर इसे लगने वाले हरे फल के कारण की जाती है। भारत में भिंडी उगाने वाले मुख्य प्रांत उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिमी बंगाल और उड़ीसा हैं। यदि आप भी भिंडी की खेती से अच्छी पैदावर और कमाई करना चाहते हैं, तो उन्नत किस्म की भिंडी की खेती करें। आइये जानते है भिंडी की खेती के बारे में।
भिन्डी की खेती से प्रति हेक्टेयर होगी 115-125 क्विंटल पैदावार चमकेगी किसानो की किस्मत

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भिंडी की खेती Okra Farming
भिंडी काफी तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है। मिट्टी का पी एच 6.0 से 6.5 होना चाहिए। खारी, नमक वाली या घटिया निकास वाली मिट्टी में इसकी खेती ना करें।गर्मी के मौसम में भिंडी की खेती के लिए फरवरी से मार्च के बीच बुवाई की जानी चाहिए। जबकि मॉनसून में इसकी खेती के लिए जून-जुलाई का समय बुवाई के लिए उपयुक्त माना जाता है।
भिन्डी की खेती से प्रति हेक्टेयर होगी 115-125 क्विंटल पैदावार चमकेगी किसानो की किस्मत

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भिंडी की खेती Ladyfinger Cultivation
वर्षा ऋतु (जून-जुलाई) में टहनियों वाली किस्मों के लिए 4-6 किलो बीज प्रति एकड़, 60×30 सैं.मी. फासले पर बोयें। बिना टहनियों वाली किस्मों के लिए 45×30 सैं.मी. का फासला रखें। मध्य फरवरी तक 15-18 किलो बीज प्रति एकड़ डालें और मार्च में बिजाई के लिए 4-6 किलो बीज प्रति एकड़ बोयें। इससे पैदावार अच्छी होगी। यदि सही तरीके से खेती की जाए तो प्रति हेक्टेयर 115-125 क्विंटल भिंडी की पैदावर हो सकती है।