भारत में दूध के लिए सर्वश्रेष्ठ गाय की नस्ल जो देती है 25 किलोग्राम तक दूध फैट भी भैंस के दूध जितना। पशु पालन का बिजनेस आय का एक बढ़िया सोर्स साबित हो रहा है। आप गांव में रहकर कमाई का जरिया बना सकते हैं। इस बिजनेस में कम लागत में मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस बिजनेस की खास बात यह है कि गाय के गोबर से लेकर दूध तक सब बिक जाता है। इसके अलावा गोबर से ऑर्गेनिक खाद बनाकर खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, दूध से भी कई तरह के प्रोडक्ट बनाकर बेच सकते हैं।
साहीवाल नस्ल की गाय
साहीवाल भारत देसी गाय भी कहलाती है। साहीवाल नस्ल की गाय साहीवाल गाय पंजाब प्रांत की नस्ल है। साहीवाल का रंग लाल-भूरा (pale yellow, Tan red or brownish) होता है। साहीवाल गायों के सींग बहुत छोटे होते हैं। कई बार यह इंसानी ऊँगली से थोड़े बड़े या हाथ जितने ही होते हैं।

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दूध देने की क्षमता की बात की जाये तो साहीवाल गायों की दूध देने की क्षमता अधिक होती है। साहीवाल गाय एक बार ब्याने के पश्चात 10 माह तक दूध का उत्पादन दे देती है। दूधकाल के समय यह गाय तक़रीबन 2270 लीटर दूध दे देती है। साहीवाल नस्ल की गायें 25 किलोग्राम तक भी दूध दे देती हैं। फैट की भी बात करें तो साहीवाल के दूध की फैट भैंस के दूध के बराबर चली जाती है।
गीर नस्ल की गाय
गिर (Gir) गाय भारतीय मूल की प्रमुख दुधारू देसी नस्ल है। यह गीर गुजरात की नस्ल है। गीर गायों की संख्या बहुत ज़्यादा है। गीर का रंग कई प्रकार का होता है। गीर साहीवाल के रंग जैसी भी होती हैं और चितकबरी, सफेद, भूरी, आदि कई रंगों में होती है।

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साहीवाल का रंग हमेशा एक ही रहता है, रंग लाल-भूरा ही होता है लेकिन उसमें हल्का फीका और गाढ़ा हो सकता है। गीर गायों का आकार साहीवाल के मुक़ाबले दुगना अथवा डेढ़ गुना होता है। गीर में 15 से लेकर 20 किलोग्राम तक दूध देने वाली गायों को देखा गया है। 3 वर्ष आयु होने पर यह नस्ल पहले बछड़े को जन्म देने में सक्षम हो जाती है।