मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में बैतूल जिले के छोटे से गांव की बेटी ने पास की एमपीपीएससी की वैज्ञानिक अधिकारी परीक्षा

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मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में बैतूल जिले के छोटे से गांव की बेटी ने पास की एमपीपीएससी की वैज्ञानिक अधिकारी परीक्षा बैतूल जिले के तिरमहु गांव की डॉ. प्रियंका पहाड़े ने मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित वैज्ञानिक अधिकारी (रसायन विभाग) की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर अपने गांव के साथ ही जिले का नाम रोशन किया है। ग्रामीण क्षेत्र से होने के बावजूद डॉ. प्रियंका द्वारा यह उपलब्धि हासिल करना एक बड़ी बात है।

मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में बैतूल जिले के छोटे से गांव की बेटी ने पास की एमपीपीएससी की वैज्ञानिक अधिकारी परीक्षा

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डॉक्टर प्रियंका ग्राम पंचायत के सचिव सुरेन्द्र पहाड़े की बेटी हैं। प्रियंका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही प्रारंभ की। शुरू से ही मेधावी छात्रा के रूप में विद्यालय का नाम रोशन किया। उसके बाद स्नातक की पढ़ाई डॉक्टर हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के फोरेंसिक विभाग से प्रारंभ की तथा स्नातकोत्तर फोरेंसिक विषय में यहीं से किया। इसके बाद फोरेंसिक विषय में ही एनईटी/जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण कर इसी संस्थान में पीएचडी में चयनित होकर अपनी डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

इनका आभार व्यक्त किया

इसके पश्चात अतिथि शिक्षक के रूप में एक्सीलेंस कॉलेज भोपाल में कार्यभार संभाला। अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए एमपीपीएससी की तैयारी जारी रखी और सफलता अर्जित की। इन्होंने जीवन में अपने विषय और लक्ष्य के प्रति स्थिरता रखी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय सर्वप्रथम अपने माता-पिता को दिया है, जिन्होंने हर कदम पर साथ दिया। साथ ही अपने पति दिव्यप्रकाश मोहबे, अपने मार्गदर्शक प्रोफेसर देवाशीष बोस एवं पुरुषोत्तम मोहबे का आभार व्यक्त किया है।

छोटी बेटी छिंदवाड़ा में सहायक प्राध्यापक Chhoti Beti Assistant Professor in Chhindwara

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बात अगर हमारे देश की महिलाओं या लड़कियों की हो तो यह देख कर बड़ी उत्सुकता और खुशी होती है। मन इस बात से प्रफुल्लित हो जाता है कि वे अपने सपने को साकार करने के साथ-साथ देश के हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। ये घर को संभालने के साथ साथ देश सेवा में भी एक अनोखी पहल कर रही हैं। पढ़ाई में अपना सही परिणाम लाकर सफलता की डॉ. प्रियंका जैसी महिलाएं उदाहरण बन रही हैं। डॉ. प्रियंका के पिता सुरेन्द्र पहाड़े ने अपनी पुत्रियों को हर संभव सहायता प्रदान की, जिसकी वजह से इनकी छोटी बेटी सहायक प्राध्यापक के रूप में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय में सेवारत है। अब बड़ी बेटी ने भी इनका सपना साकार किया है।