Ayushman Bharat Digital Mission Health Digital locker :- Ayushman Bharat Digital Mission केन्द्र सरकार की कल्याणकारी योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को अब डिजीलॉकर से जोड़ा दिया गया है। अब एक क्लिक पर पर्सनल हेल्थ की पूरी कुंडली दिख जायगी। इस योजना से ढेरों फायदे होने की संभावना जताई जा रही है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, डिजिलॉकर से जुड़ा : अभी डिजीलॉकर सुविधा को भारत में 13 करोड़ लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) को अब डिजीलॉकर से जोड़ दिया है। इसका मतलब है कि डिजीलॉकर (Digital locker) अब हेल्थ लॉकर का काम भी करेगा। अब इसी डिजीलॉकर (DigiLocke) में पर्सनल हेल्थ रिकॉर्डस की सुविधा भी रहेगी. जिनके आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत पहले से हेल्थ रिकॉर्ड बने हुए हैं, वो उसे डिजीलॉकर से जोड़ सकते हैं। यह सरकार का सराहनीय प्रयास है।

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कैसे बनाए आयुष्मान डिजीटल कार्ड?
डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले आपको रजिस्टर करने के लिए, Aadhar card या driving license, आधार कार्ड से जुड़ा (link) मोबाइल नंबर होना जरूरी है। इसके अलावा,आप अपने आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग करके अपने डिजिटल हेल्थ कार्ड 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं
सबसे पहले हेल्थ आईडी पोर्टल (https://healthid.ndhm.gov.in/) पर जाएं.
अब Create ABHA Number कर क्लिक करें।
कार्ड बनने के बाद आप ये कार्ड डाउनलोड भी कर सकते हैं।
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130 million people are using
फिलहाल भारत में “आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन” (Ayushman Bharat Digital Mission) के 130 मिलियन यूजर्स हैं। हालांकि अभी इस सुविधा का ज्यादा इस्तेमाल hospitals के स्तर पर होता है। सरकार देश के हेल्थ नेटवर्क को आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन से जोड़ कर एक पेज पर लाने का प्रयास कर रही है
Health ID Card का फायदा क्या है ?
Health ID Card में आपके स्वास्थ से जुडी समस्त जानकारी होती है यानी आपका हेल्थ डाटाबेस स्टोर हो सकता है। इसके बाद आपको अपनी मेडिकल हिस्ट्री की सारी फाइल हॉस्पिटल ले जाने की जरूरत नहीं होगी। डॉक्टर आपकी सहमति से इस डाटाबेस को देख सकते हैं। डेटाबेस में डॉक्टर की प्रेस्क्रिप्शन, रिपोर्ट वगैरह डिजिटल स्टोर की जाएंगी। इस सिस्टम के माध्यम से सभी अस्पतालों और डॉक्टरों की जानकारी स्टोर हो जाएगी। हालांकि फिलहाल आम आदमी अपने स्तर पर रिकॉर्ड फीड कर सकता है लेकिन प्रयास यह है कि पूरे देश के नागरिकों का रिकॉर्ड अस्पताल और डॉक्टर के स्तर पर ही डिजिटल होकर इस सिस्टम में दर्ज होता रहे। जिससे आपकी हेल्थ आईडी का नंबर फीड करते ही आपकी हेल्थ कुंडली खुल जाए. इस काम में अभी वक्त लगेगा। फिर भी सरकार की पूरी कोशिश है कि सारा हेल्थ नेटवर्क हेल्थ आईडी सिस्टम पर ही चलने लगे। इससे पेसेंट को होने वाली परेशनी सारी ख़तम हो जायगी। इस योजना से ढेरों फायदे होने की संभावना जताई जा रही है।