अश्वगंधा की खेती बनायेगी आपको मालामाल! जाने खेती करने का आसान सा तरीका

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अश्वगंधा की खेती बनायेगी आपको मालामाल! जाने खेती करने का आसान सा तरीका

अश्वगंधा की खेती बनायेगी आपको मालामाल! जाने खेती करने का आसान सा तरीका।आजकल खेती सिर्फ अपना गुजारा चलाने का जरिया नहीं रह गया है। पढ़े-लिखे लोग भी अब खेती की तरफ रुख कर रहे हैं और अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। भारतीय किसान परंपरागत फसलों को छोड़कर अब नकदी और औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं। इससे उनकी आमदनी भी काफी बढ़ रही है।

अगर आप भी कोई ऐसी फसल उगाना चाहते हैं, जिससे ज्यादा कमाई हो, तो आज हम आपको उसी में से एक फसल के बारे में बता रहे हैं। अश्वगंधा की खेती करके आप घर बैठे लागत से कई गुना ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

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अश्वगंधा की खेती कर के कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाकर किसान अमीर बन सकते हैं। भारत में अश्वगंधा की खेती हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश और जम्मू कश्मीर में की जाती है। गौर करने वाली बात ये है कि इसकी खेती समुद्री पानी वाले इलाकों में भी की जा सकती है।

अश्वगंधा की खेती कैसे करें (How to Cultivate Ashwagandha)

अश्वगंधा की खेती सितंबर-अक्टूबर महीने में की जाती है। अच्छी फसल के लिए मिट्टी में थोड़ी नमी होनी चाहिए और मौसम शुष्क होना चाहिए। हालांकि, अगर रबी सीजन में बारिश हो जाए तो भी फसल अच्छी हो जाती है। खेत की जुताई के समय उसमें जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है। एक हेक्टेयर खेत में बुवाई के लिए 10-12 किलो बीज काफी होते हैं। बीज 7-8 दिनों में ही अंकुरित हो जाते हैं। इसकी खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी और लाल मिट्टी अच्छी मानी जाती है। जिस मिट्टी का pH मान 7.5 से 8 के बीच होता है, उसमें अश्वगंधा की अच्छी पैदावार होती है। पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए 20-35 डिग्री तापमान और 500 से 750 मिलीमीटर बारिश जरूरी होती है। अश्वगंधा के पौधे की कटाई जनवरी से मार्च के महीने के बीच में की जाती है।

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अश्वगंधा की खेती से मोटी कमाई (Big Earning from Ashwagandha)

अश्वगंधा को सभी जड़ी बूटियों में सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। तनाव और चिंता को दूर करने में अश्वगंधा को सबसे कारगर पाया गया है। अश्वगंधा के इतने सारे फायदों की वजह से इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। अश्वगंधा के फल, बीज और छाल का इस्तेमाल करके कई तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं। इसकी खेती करके किसान धान, गेहूं और मक्का की तुलना में 50 प्रतिशत तक ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

इसी वजह से बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान भी अब बड़े पैमाने पर अश्वगंधा की खेती कर रहे हैं। अश्वगंधा की जड़ को घोड़े की गंध आती है। इसी वजह से इसे अश्वगंधा कहा जाता है। अश्वगंधा एक औषधीय फसल है। यह एक झाड़ीदार पौधा होता है। इसे कैश क्रॉप भी कहते हैं क्योंकि इसकी खेती करने पर लागत से कई गुना ज्यादा मुनाफा होता है