पूसा अंगूर की खेती आप को चंद समय में बना देंगी मालामाल, जाने पूरी जानकारी…

By Alok Gaykwad

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Angur ki kheti: पूसा अंगूर की खेती आप को चंद समय में बना देंगी मालामाल, जाने पूरी जानकारी, पारंपरिक खेती में लगातार घटते मुनाफे के चलते किसान अब नई तरह की फसलों और बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं. कमाई का अच्छा जरिया बनकर उभर रही है फल-फूलों की खेती. ऐसे में अंगूर की खेती आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है. अंगूर की खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए सही समय पर इसकी खेती और अच्छी किस्मों का चुनाव बहुत जरूरी है. कुछ किस्में ऐसी हैं जो खासकर जूस और वाइन बनाने के लिए फेमस हैं.

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जूस और वाइन के लिए बेहतरीन – पूसा नवरांग अंगूर

इनमें से एक किस्म है पूसा नवरांग. इसका इस्तेमाल जूस और वाइन बनाने में किया जाता है. इसकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. साथ ही गर्मियों में इसकी मांग बाजार में बढ़ जाती है. आइए जानते हैं इस किस्म की खासियत.

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जल्दी पकने वाली पूसा नवरांग की खासियत

पूसा नवरांग अंगूर की एक संकर किस्म है, जिसे हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा तैयार किया गया है. यह किस्म ज्यादा पैदावार देने के साथ-साथ बहुत जल्दी पक भी जाती है. इसके फलों के गुच्छों का आकार मध्यम होता है और इसके फल बिना बीज के, गोलाकार और काले रंग के होते हैं. अंगूर की इस किस्म के गुच्छे लाल रंग के भी होते हैं. साथ ही जूस और वाइन बनाने के लिए बड़े पैमाने पर इसी किस्म के अंगूरों का इस्तेमाल किया जाता है.

इस तरह तैयार करें खेत – अच्छी पैदावार का पाया

अंगूर की खेती की बात करें तो इसके लिए सबसे पहले खेतों को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए. अंगूर की खेती के लिए खेतों की गहरी जुताई करें. इसके बाद कुछ दिनों के लिए खेत को खुला छोड़ दें. खेत को खुला छोड़ने से खेत की मिट्टी को अच्छी धूप मिलती है. इसके बाद एक रोटावेटर का उपयोग करें और दो से तीन बार तिरछी जुताई करें, ताकि खेत की मिट्टी पूरी तरह से भुरभुरी हो जाए. कुछ दिनों के बाद, खेत में 15 से 18 ट्रॉली सड़ी हुई गोबर की खाद डालें.

इसके बाद फिर से जुताई करें ताकि खाद खेत की मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाए. फिर खेतों में गड्ढे तैयार करें. आप अपनी सुविधा के अनुसार उन गड्ढों के बीच की दूरी रख सकते हैं. गड्ढे तैयार करते समय, उचित मात्रा में खाद डालें और जब गड्ढे अच्छी तरह से तैयार हो जाएं, तो खेत में अंगूर की कलमों को लगाएं. कलम लगाते समय ध्यान रखें कि कलमें एक साल पुरानी होनी चाहिए. खेत में अंगूर की कलम लगाने के बाद हल्की सिंचाई करें.

अंगूर उत्पादन में महाराष्ट्र सबसे आगे

भारत में बागवानी फसलों के बीच अंगूर की खेती का प्रमुख स्थान है. इसकी खेती भारत के विभिन्न राज्यों जैसे पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर की जाती है. अंगूर का लगभग 70 प्रतिशत उत्पादन महाराष्ट्र राज्य में होता है.