अमरुद की टॉप उन्नत किस्मे देंगी बंपर पैदावार, एक साल बाद देंगे दनादन फल, जाने किस्मो के बारे में। अभी के समय किसान पुरानी फसलों को छोड़ बागवानी की ओर ध्यान दे रहा है. बता दे अमरूद के फल बारहों महीने आते हैं. इसके फल गर्मी, बरसात और सर्दी यानी साल में तीन बार लगते हैं. दूसरी खूबी ये कि एक बार पेड़ लगाएं, तो इससे पैसा सालों तक कमा सकते हैं. अमरूद के बाग से दो से तीन साल के बाद फल मिलने लगते हैं. अमरूद के बाग लगाने का सबसे बेहतर समय जुलाई-अगस्त होता है. लेकिन अमरूद से बेहतर पैदावार लेने के लिए अच्छी किस्मे बहुत जरुरी होती है. इसलिए आपको आज अमरुद की उन्नत किस्मो की जानकारी बताने वाले है.

थाई अमरूद किस्म: इस किस्म के बारे में बताये तो ये थाईलैंड किस्म के अमरूद हैं. इनकी विशेषता यह है की इस किस्म के पौधे 18 महीने से 2 साल के अंदर फल देने लगते हैं. इसके फलों का वजन 400 ग्राम से लेकर एक किलो तक है, जिसकी बाजार में दूसरे किस्मों की तुलना में ज्यादा दाम मिलते हैं. इस किस्म के फल तोड़ने के 12 से 13 दिन बाद भी खराब नहीं होते हैं. किसानों के मुताबिक एक पेड़ से 4 से 5 साल बाद 100 किलो तक फल मिलते हैं।
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श्वेता किस्म: आपको बता दे की अमरूद श्वेता किस्म सीआईएसएच लखनऊ द्वारा विकसित की गई है. इसका पौधा मध्यम आकार का होता है. इसके एक फल का वजन 225 ग्राम तक होता है. इस किस्म के पौधे 6 साल की अवस्था से प्रति पौध 90 किलों तक फल देने लगते हैं. इसके फल अधिक दिनों तक खराब नही होते हैं।
ललित क़िस्म: इसके बारे में बताये तो अमरूद की ललित किस्म भी सीआईएसएच लखनऊ द्वारा विकसित की गई है. इसके एक फल का वजन 200 ग्राम तक होता है, इसके फलों का रंग केसरिया पीला होता है. इसका गुदा गुलाबी रंग का होता है. इसको ज्यादा लोग पंसद करते हैं. जिससे बाजार में मांग ज्यादा है. इस किस्म के पौधे 6 साल की अवस्था पर प्रति पौध करीब 100 किलो फल देने लगता है. सघन बागवानी के लिए ये किस्म बेहतर मानी जाती है. इसके फल का उपयोग ताजे और प्रोसेसिंग दोनों के लिए बेहतर मानी जाती है.
पंत प्रभात किस्म: अमरूद की पंत प्रभात किस्म कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर द्वारा विकसित की गई है. पकने के बाद फल का ऊपरी भाग पीला पड़ जाता है. गुदा का रंग सफेद होता है. एक पौधे से प्रति वर्ष 100 से 120 किलोग्राम फल प्राप्त किए जा सकते हैं।

VNR नंबर वन किस्म: नई वेरायटी VNR नंबर वन भी है. इसे ताईवान ग्वावा के नाम से भी जाना जाता है. इस किस्म के फल वजन 1 किलो तक के होते हैं. इसकी बाजार मांग ज्यादा होने से किसान ज्यादा पंसद कर रहे हैं. इसके भी फल 10 से 12 दिनों तक खराब नही होते.