Garuda Purana: गरुड़ पुराण के अनुसार बच्चों की मौत से जुड़ा रहस्य है खौफनाक, जिसे सुन रह जायेंगे आप दंग…… गरुड़ पुराण को महापुराण का दर्जा दिया गया है. इसमें जन्म, मृत्यु, पुर्नजन्म, कर्मों के फल, मौत के बाद आत्मा के सफर को लेकर अहम बातें बताई गई हैं. इसमें स्वर्ग और नरक के बारे में भी बताया गया है कि व्यक्ति को मरने के बाद कर्मों के आधार पर किस तरह के कष्ट उठाने पड़ते हैं या सुख मिलते हैं. गरुड़ पुराण में वयस्कों के अलावा बच्चों की मृत्यु और उनकी आत्मा से जुड़ी बहुत अहम जानकारियां दी गई हैं. जिसे सुन कर आप भी हो जाओगे हैरान.
गरुड़ पुराण के अनुसार बच्चों की मौत से जुड़ा है खौफनाक रहस्य, जिसे सुन रह जायेंगे आप दंग……
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बच्चों की आत्माएं सीधे स्वर्ग जाती हैं (baby souls go straight to heaven)

हिन्दू धर्म में गरुड़ पुराण को बहुत मान्यता दी जाती है. गरुड़ पुराण के अनुसार वयस्क व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा या तो स्वर्ग या नरक में जाती है या भटकती रहती है. जातक के कर्मों के आधार पर उसकी आत्मा के साथ यथोचित व्यवहार होता है. यदि उसने खराब कर्म किए हों तो उसे बहुत कष्टदायी मृत्यु मिलती है और आत्मा को भी बहुत कष्ट झेलने पड़ते हैं. वहीं अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति को आसान मृत्यु मिलती है और उसके बाद स्वर्ग में स्थान मिलता है. वहीं बच्चे की मृत्यु होने पर उसकी मृत्यु सीधे स्वर्ग जाती है. बच्चों को कर्म नहीं उम्र के हिसाब से स्वर्ग मिलता है.

गरुड़ पुराण के अनुसार बच्चों की मौत से जुड़ा है खौफनाक रहस्य, जिसे सुन रह जायेंगे आप दंग……
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15 वर्ष से पहले मृत्यु होने पर जाते है सीधा स्वर्ग (On death before 15 years go directly to heaven)

गरुड़ पुराण के अनुसार अगर बच्चा 15 से ज्यादा का है तो उसके कर्म निश्चित करेंगे वो स्वर्ग जायेगा या नरक. गरुड़ पुराण के अनुसार 15 वर्ष से कम आयु में मृत्यु होने पर जातक की आत्मा सीधे स्वर्ग जाती है. 15 साल से कम उम्र के जातक को बच्चों की श्रेणी में गिना जाता है. इस उम्र तक मृत्यु होने पर यानी कि बच्चे की मृत्यु होने पर उसकी आत्मा को स्वर्ग में स्थान मिलता है.
बच्चे अबोध होते हैं और भगवान विष्णु ने खुद बच्चों की आत्मा के लिए सीधे स्वर्ग के द्वार खोलने का आशीर्वाद दिया है. इसलिए बच्चों को उनके कर्म नहीं बल्कि आयु के आधार पर स्वर्ग में स्थान मिलता है. इस बात का जिक्र गरुड़ पुराण में किया गया है.