सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी के साथ लगा एक बड़ा झटका, DA को लेकर दिया बड़ा अपडेट

By ankushbaraskar07@gmail.com

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सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी के साथ लगा एक बड़ा झटका, DA को लेकर दिया बड़ा अपडेट

केंद्र सरकार ने मार्च 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को बढ़ाकर 50% कर दिया था. यह भत्ता पहले 46% था. भत्ते के बढ़ने के साथ ही कर्मचारियों की ग्रेच्युटी (gratuity) की सीमा भी बढ़ा दी गई थी. लेकिन इस मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक बड़ा बयान दिया है.

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सरकारी और संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका लगा है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों की रिटायरमेंट और मृत्यु ग्रेच्युटी बढ़ाने पर रोक लगा दी है. बता दें कि पिछले महीने जारी किए गए एक आदेश में EPFO ने कहा था कि रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 25 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. यह सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये हो गई थी. यह बढ़ोतरी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 50% की वृद्धि के कारण हुई थी.

लेकिन 7 मई को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने महंगाई भत्ते (DA) बढ़ने के कारण मिलने वाली ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी को रोकने की घोषणा कर दी. आदेश में इस फैसले का कोई कारण नहीं बताया गया है.

4% महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान

दरअसल, केंद्र सरकार ने मार्च 2024 में महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को 4 प्रतिशत बढ़ा दिया था. इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों का भत्ता मूल वेतन का 50% हो गया. भत्ता 50% होने के साथ ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों के कई तरह के भत्ते भी बढ़ गए. आपको बता दें कि जब भी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होती है, तो उसके साथ ही मकान किराया भत्ता (HRA) भी बढ़ जाता है. हालांकि, HRA शहरों के वर्ग के अनुसार बढ़ाया जाता है. सरकार ने X, Y और Z शहरों के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के HRA में भी वृद्धि की है. DA को 50% बढ़ाने के बाद ग्रेच्युटी की सीमा भी 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई थी. महंगाई भत्ते के बढ़ने के कारण बच्चों की शिक्षा भत्ता और होस्टल सब्सिडी की सीमा में भी 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

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ग्रेच्युटी क्या है?

ग्रेच्युटी एक ऐसी योजना है, जिसके तहत कंपनी अपने कर्मचारियों को देती है. इसके लिए जरूरी है कि कर्मचारी कंपनी में कम से कम 5 साल या उससे ज्यादा समय तक काम करे. ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के अनुसार, यह ग्रेच्युटी कर्मचारी को तब दी जाएगी जब वह रिटायर होता है या इस्तीफा देता है.