बैतूल

Betul News : अदाणी कोल ब्लॉक आवंटन के खिलाफ आदिवासी कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन, मक्का खरीदी ₹2400 प्रति क्विंटल करने की मांग तेज

Betul News बैतूल जिले में सोमवार को आदिवासी कांग्रेस, महिला कांग्रेस और जिला कांग्रेस कमेटी ने बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया। शिवाजी चौक से शुरू हुई यह रैली कलेक्ट्रेट कार्यालय तक पहुंची, जहां कार्यकर्ताओं ने डिप्टी कलेक्टर तृप्ति पटेरिया को दो महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपे। यह पूरा आंदोलन प्रदेश आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष रामू टेकाम के नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य किसानों के हितों की रक्षा और आदिवासी भूमि अधिकारों को सुरक्षित रखने का था।

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मक्का खरीदी को लेकर किसानों की बड़ी मांग

पहले ज्ञापन में किसानों द्वारा लंबे समय से उठाए जा रहे मक्का खरीदी मुद्दे को प्रमुखता से रखा गया। आदिवासी कांग्रेस ने बताया कि वर्तमान समय में किसानों को मक्का का दाम केवल ₹1000 से ₹1400 प्रति क्विंटल तक मिल रहा है, जिससे किसान कर्ज और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना जरूरी है।

संगठन ने स्पष्ट रूप से मांग की कि मक्का खरीदी ₹2400 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर की जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि यदि सरकार उचित मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित नहीं करती, तो किसानों की हालत और खराब होती जाएगी। इसलिए केंद्र और राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की अपील की गई।

अदाणी को कोल ब्लॉक की जमीन देने का विरोध तेज

दूसरे ज्ञापन में सिंगरौली जिले में अदाणी समूह को कोल ब्लॉक के लिए भूमि दिए जाने का पुरजोर विरोध दर्ज कराया गया। आदिवासी कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम भेजे ज्ञापन में कहा कि खनन के लिए दी जा रही यह पारंपरिक आदिवासी भूमि उनकी आजीविका, संस्कृति और अधिकारों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

आदिवासी समुदाय ने जोर देकर कहा कि यह जमीन अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवारों की मुख्य संपत्ति है, जिसे निजी कंपनियों को सौंपना संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के पूरी तरह खिलाफ है। इसके साथ ही संगठन ने मांग की कि आदिवासी क्षेत्रों में नए कोल ब्लॉक आवंटन और खदानों के विस्तार पर तुरंत रोक लगाई जाए।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि वन अधिकार कानून (FRA) के तहत सभी कानूनी प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन किया जाए और जिन परिवारों पर इसका प्रभाव पड़ेगा, उन्हें उचित मुआवजा और पुनर्वास प्रदान किया जाए।

रैली में गूंजे नारे, बड़ी संख्या में लोग शामिल

प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी कांग्रेस, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस और जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यकर्ताओं ने ‘आदिवासियों की जमीन, आदिवासियों की रहे’ और ‘किसान विरोधी नीतियां बंद करो’ जैसे नारे लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया।

यह प्रदर्शन न केवल किसानों की आर्थिक समस्या बल्कि आदिवासी समुदाय के जमीन अधिकारों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को मजबूती से उठाने वाला रहा।

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Kunal

विश्लेषक के तौर पर, कुणाल लगभग आठ वर्षों से देश भर की ख़बरों पर पैनी नज़र बनाए हुए हैं। वह हर घटना का गहन अध्ययन करते हैं, ताकि उसके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रभावों को उजागर किया जा सके।

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