मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अब सड़कें गर्मी में पिघलेंगी नहीं और बारिश में टूटेंगी नहीं। लोक निर्माण विभाग (PWD) समेत सभी सड़क निर्माण एजेंसियां अब पारंपरिक डामर के बजाय प्लास्टिक PMB (पॉलिमर बिटुमेन मेंब्रेन) और रबर CRMB (क्रंब रबर मोडिफाइड बिटुमेन) से सड़कें बनाएंगी। इस नई तकनीक से बनी सड़कें 40 से 50 डिग्री की गर्मी में भी नहीं पिघलेंगी और बारिश का पानी भी इन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा। इसके लिए निर्माण एजेंसियां नए टेंडर जारी कर रही हैं, जिससे सड़कों की मजबूती और लंबी उम्र सुनिश्चित की जा सके।
सड़क निर्माण में नई चुनौतियां
PWD ने डामर की खरीद को लेकर केवल राष्ट्रीयकृत तेल कंपनियों को अधिकृत किया है और इनसे खरीदने के लिए एनओसी लेना अनिवार्य किया गया है। हालांकि, पॉलिमर बिटुमेन और क्रंब रबर बिटुमेन की खरीद को लेकर अब तक कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं बने हैं। इसके चलते स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए PMB और CRMB को लेकर शिकायतें आ रही हैं। यदि सही मानकों का पालन नहीं हुआ, तो इन सड़कों की मजबूती पर सवाल उठ सकते हैं। इसलिए विशेषज्ञों की मांग है कि इन नई तकनीकों के लिए भी सख्त नियम बनाए जाएं।
सड़क की मजबूती के अनुसार बिटुमेन का चयन
बिटुमेन पेट्रोलियम के अवशेष से तैयार किया जाता है और इसकी गुणवत्ता सड़क की मजबूती के अनुसार तय की जाती है। स्थानीय सड़कों के लिए VG-10, प्रमुख सड़कों के लिए VG-30 और भारी वाहनों वाली सड़कों के लिए VG-40 का उपयोग किया जाता है। यह सभी केवल तेल कंपनियों से ही खरीदे जाते हैं। अधिक मजबूती के लिए पॉलिमर और क्रंब रबर बिटुमेन का उपयोग किया जाता है, जिससे सड़कें अधिक टिकाऊ और मजबूत होती हैं।
क्यों हो रहा है पॉलिमर-रबर बिटुमेन का उपयोग?
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बिटुमेन की आपूर्ति में अनियमितताओं की बात सामने आई थी। इसमें ₹414 करोड़ के घोटाले की आशंका जताई गई थी। इस कारण अब सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि डामर केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदा जाए। इसके अलावा, PMB और CRMB से बनी सड़कें लंबी उम्र, अधिक भार सहन करने की क्षमता, और पर्यावरणीय अनुकूलता जैसी विशेषताओं के कारण अधिक प्रभावी हैं।
सड़क निर्माण में नई तकनीक को बढ़ावा
PWD सड़क निर्माण में आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दे रहा है। पॉलिमर बिटुमेन और क्रंब रबर बिटुमेन के सुरक्षित और विश्वसनीय स्रोतों से आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस नई तकनीक से बनी सड़कें प्रदेश में सड़क अवसंरचना को मजबूती देने के साथ ही यातायात को सुरक्षित बनाएंगी। नई तकनीक से प्रदेश में सड़कें अधिक टिकाऊ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनेंगी, जिससे नागरिकों को लंबे समय तक बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।