MP के इस जिले में बढ़ेंगे प्रॉपर्टी के दाम, घर खरीदना होगा महंगा, 400 इलाकों में शुरू हुआ सर्वे

MP मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में घर या जमीन खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए यह अहम अपडेट है। जिला प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही यहां प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो सकता है, क्योंकि कलेक्टर गाइडलाइन की दरों में बढ़ोतरी की तैयारी शुरू हो गई है। इसी उद्देश्य से प्रशासन पूरे जिले में एक बड़े पैमाने पर सर्वे कराने जा रहा है, जिसमें 400 से अधिक स्थानों को शामिल किया जाएगा।
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पिछले कुछ वर्षों में जबलपुर शहर और उसके आसपास तेजी से विकास हुआ है। नई सड़कें, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, रिंग रोड का निर्माण, निजी बिल्डरों के नए प्रोजेक्ट और बढ़ती आबादी के चलते जमीनों के बाजार मूल्य में काफी उछाल आया है। वर्तमान में सरकारी गाइडलाइन दरें बाजार कीमतों की तुलना में काफी कम हैं। इसी अंतर को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन नई गाइडलाइन तय करना चाहता है, ताकि सरकारी दरें वास्तविक बाजार स्थिति को प्रतिबिंबित कर सकें।
400 से अधिक लोकेशन पर होगा विस्तृत सर्वे
पंजीयन विभाग द्वारा किए जाने वाले इस सर्वे का दायरा काफी बड़ा है। सर्वे टीम न केवल शहर के नए विकसित क्षेत्रों को शामिल करेगी, बल्कि दूरस्थ ग्रामीण इलाकों तक जाकर भी मूल्यांकन करेगी। टीम पिछले एक वर्ष में हुई रजिस्ट्रियों का डेटा एकत्र करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि जमीनों की खरीद-बिक्री किस दर पर हुई है।
यह आंकड़े नई कलेक्टर गाइडलाइन तैयार करने का आधार बनेंगे। अफसरों का मानना है कि बाजार दरों के अनुरूप सरकारी दरें तय करने से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
विकास कार्यों से बढ़ी जमीन की मांग
पिछले एक साल में आउटर एरिया और आस-पास के गांवों में कई बड़े विकास कार्य हुए हैं। नई कॉलोनियों, कमर्शियल प्रोजेक्ट्स और रियल एस्टेट कंपनियों के तेज विस्तार ने जमीनों की मांग बढ़ा दी है। बिल्डरों के नए प्रोजेक्ट लॉन्च होने से कीमतों में प्राकृतिक उछाल देखा जा रहा है। प्रशासन के अनुसार, गाइडलाइन दरें बाजार से नीचे होने के कारण सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है। नई दरें आने से इस गैप को कम किया जाएगा।
नई गाइडलाइन जारी होने के बाद पड़ेगा सीधा असर
सर्वे पूरा होने के बाद नई गाइडलाइन का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और इसे दावे-आपत्तियों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब नई दरें लागू होंगी, तो मकान, दुकान या जमीन खरीदने वालों को पुराने मुकाबले अधिक स्टांप शुल्क देना पड़ेगा। यानी, घर खरीदने का सपना थोड़ा महंगा जरूर होगा, लेकिन प्रशासन का मानना है कि इससे प्रॉपर्टी बाजार अधिक पारदर्शी और संतुलित होगा।



