Juice Jacking Scam: अक्सर लोग जब बहार जाते हैं तो अपने मोबाइल फोन को पब्लिक प्लेस पर चार्ज करने लगते हैं। वैसे ये जरूरी हैं कि जब भी पब्लिक चर्जिंग स्टेशन का इस्तेमाल करें तो हमेशा सावधान रहें। दरअसल इस समय कुछ स्कैमर्स ‘जूस जैकिंग’ स्कैम के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। RBI की तरफ से भी इस स्कैम को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
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वित्तीय सेक्टर में वित्तीय धोखाधड़ी के बारे में आरबीआई (RBI) ने एक बुकलेट तैयार की है, जिसके अनुसार जूस जैकिंग स्कैम एक तरह की ठगी। इसके जरिए साइबर क्रिमिनल आपने जरूरी डेटा चुरा लेते हैं और आप फाइनेंशली नुकसान पहुंचा सकते हैं।
What Is Juice Jacking Scam
आपको बता दें कि जूस जैकिंग स्कैम एक ऐसा तरीका है, जिसमें साइबर क्रिमिनल्स मोबाइल और लैपटॉप जैसे डिवाइस में से जरूरी डेटा चुरा लेते हैं। इस तरह के स्कैम को करने के लिए साइबर क्रिमिनल्स पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर मैलवेयर वाले सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर को इंस्टॉल कर रहे हैं। इसमें पब्लिक चार्जिंग स्टेशन, जैसे USB पोर्ट या चार्जिंग कियोस्क के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाया जाता है।
आपको पता होना चाहिए कि मोबाइल के चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल फाइल/डेटा ट्रांसफर के लिए भी किया जा सकता है। साइबर अपराधी पब्लिक चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल उसमें जुड़े फोन में मैलवेयर ट्रांसफर करने के लिए करते हैं और उस मोबाइल से जरूरी जानकारी जैसे ईमेल, एसएमएस, सहेजे गए पासवर्ड आदि को कंट्रोल करने लगते हैं या उन्हें होरी कर लेते हैं।

इससे कैसे बचें
अगर इस स्कैम से बचना है तो कोशिश करें की पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का इस्तेमाल न करें। अगर फिर भी आपको कभी मजबूरी में पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है तो मोबाइल फोन को चार्ज करने से पहले यूएसबी केबल को ठीक से चेक कर लें। अगर आपको कुछ असामान्य लगता है तो यूएसबी केबल का इस्तेमाल न करें।
जूस जैकिंग से बचने के लिए अपना सकते हैं दूसरे तरीके
अपने मोबाइल फोन को पासवर्ड से सुरक्षित रखें।
अपने मोबाइल फोन को एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से अपडेट रखें।
अपने मोबाइल फोन में फिंगरप्रिंट स्कैनर या फेस आईडी का इस्तेमाल करें।
पब्लिक Wi-Fi नेटवर्क इस्तेमाल करने से बचें।